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झारखंड में शिक्षकों के रिटायरमेंट को लेकर बड़ा फैसला, अब एक ही दिन मिल जाएंगे सारे लाभ; निर्देश जारी

प्रभारी शिक्षा सचिव उमा शंकर सिंह ने शिक्षकों एवं कर्मियों को रिटायर होने के दिन ही उन्हें सभी प्रकार के मिलने वाले लाभ दिलाने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशकों जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र भेजकर इसे हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा है। इसके अनुपालन में किसी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

By Neeraj Ambastha Edited By: Shashank ShekharUpdated: Tue, 13 Feb 2024 06:04 PM (IST)
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झारखंड में शिक्षकों के रिटायरमेंट को लेकर बड़ा फैसला, अब एक ही दिन मिल जाएंगे सारे लाभ; निर्देश जारी
राज्य ब्यूरो, रांची। प्रभारी शिक्षा सचिव उमा शंकर सिंह ने शिक्षकों एवं कर्मियों को रिटायर होने के दिन ही उन्हें सभी प्रकार के मिलने वाले लाभ दिलाने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र भेजकर इसे हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा है।

उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि इसके अनुपालन में किसी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

प्रभारी शिक्षा सचिव ने उक्त सभी पदाधिकारियों को अपने-अपने कार्यालयों में इसके लिए अलग से सेल गठित करने के निर्देश दिए हैं। इस सेल की जिम्मेदारी होगी कि ई विद्यावाहिनी या एचआरएमएस से प्राप्त डाटा के आधार पर रिटायर होने वाले शिक्षकों एवं कर्मियों की सूची तैयार कर उक्त निर्देश की निगरानी करें।

प्रभारी शिक्षा सचिव ने अफसरों को दिए ये निर्देश

उन्होंने संबंधित शिक्षक या कर्मी के रिटायर होने की तिथि के तीन माह पूर्व ही सभी बकाया रहित प्रमाण पत्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं ताकि उन्हें रिटायर होने के दिन सभी प्रकार के लाभ दिया जा सके।

उन्होंने यह भी कहा है कि ऐसे मामलों में यदि रिटायर होने वाले शिक्षकों या कर्मियों के विरुद्ध कोई विभागीय या अनुशासनिक कार्रवाई लंबित है तो उसे भी हर हाल में रिटायर होने की तिथि के न्यूनतम छह माह पूर्व निष्पादित कर लिया जाय। प्रभारी सचिव ने इस निर्देश के अनुपालन में लापरवाही बरतनेवाले कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा भी करने को कहा है।

साथ ही कहा है कि यदि समीक्षा में किसी पदाधिकारी की लापरवाही ही सामने आएगी तो उनके विरुद्ध ही कार्रवाई की जाएगी।

कोर्ट में बढ़ता है मामला

प्रभारी सचिव के अनुसार, शिक्षकों या कर्मियों को समय पर सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिलने से कोर्ट में मामला बढ़ता है। इसका कहीं न कहीं असर विभाग के कार्यों पर पड़ता है।उन्होंने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि यदि किसी अधिकारी की लापरवाही के कारण मामला कोर्ट में जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

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