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Hemant Soren: झारखंड हाईकोर्ट से ED अफसरों को बड़ी राहत, SC-ST मामले में कार्रवाई पर लगी रोक

झारखंड हाईकोर्ट से ईडी अधिकारियों को राहत मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ पीड़ा कार्रवाई पर रोक लगा दी है। हेमंत सोरेन ने ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी एसटी का मामला दर्ज कराया था। वहीं ईडी ने अधिकारियों के खिलाफ इस एक्ट के तहत दर्ज कराई गई प्राथमिकी को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था। हेमंत ने रांची के एससी-एसटी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी।

By Manoj Singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 04 Mar 2024 05:15 PM (IST)
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Hemant Soren: झारखंड हाईकोर्ट से ED अफसरों को बड़ी राहत, SC-ST एक्ट मामले में कार्रवाई पर लगी रोक

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत में ईडी के अधिकारियों पर दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने ईडी के अधिकारियों के खिलाफ किसी प्रकार की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है। अदालत ने प्रतिवादी हेमंत सोरेन को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

ईडी ने अपने अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ओर से दर्ज प्राथमिकी रद करने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि यह प्राथमिकी को नियमों के खिलाफ है। इस तरह की प्राथमिकी जांच एजेंसियों के खिलाफ दर्ज नहीं कराई जा सकती। अदालत से प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह किया गया।

31 जनवरी को एससी-एसटी एक्ट के तहत FIR दर्ज कराई थी

हेमंत सोरेन ने रांची के एससी-एसटी थाने में ईडी के अधिकारी कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार, अमन पटेल व अन्य अज्ञात के विरुद्ध 31 जनवरी को एससी-एसटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

सभी अधिकारी ईडी के रांची नल कार्यालय से संबंधित हैं। प्राथमिकी में कहा गया है कि ईडी के अधिकारियों ने उन्हें 29 से 31 जनवरी तक रांची में रहने के लिए कहा था और इसी बीच उनके दिल्ली स्थित आवास पर उनकी अनुपस्थिति में बिना पूर्व सूचना के छापेमारी कर दी। वे अनुसूचित जनजाति से आते हैं, लेकिन ईडी के उक्त अधिकारियों में एक भी अधिकारी एससी-एसटी से संबंधित नहीं था।

उन्हें व उनके परिवार को ईडी के इस झूठे, बनावटी कृत्य से मानसिक व सामाजिक रूप से प्रताड़ना हुई है। वे आहत हुए हैं। ईडी के उपरोक्त अधिकारियों के माध्यम से मीडिया में भ्रम फैलाकर उन्हें आम जनता के बीच बदनाम करने की कोशिश की गई है।

पूर्व सीएम ने यह भी लिखा है कि जब वे रांची आए तो उन्होंने विभिन्न मीडिया के माध्यम से 30 जनवरी को ईडी की दिल्ली स्थित झारखंड भवन, मुख्यमंत्री आवास में छापेमारी से संबंधित समाचारों को देखा। इससे उन्हें व उनके समुदाय को बदनाम करने की कोशिश हुई है।

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