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इधर कमलेश के ठिकाने पर चल रही थी छापामारी, उधर सबूत मिटाने में जुटे थे सीओ; Land Scam Case में बड़ा खुलासा

Land Scam Case जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी की जांच लगातार जारी है। इस दौरान लगातार नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। इस बीच जांच एजेंसी ने गुरुवार को एनआइसी दफ्तर को खंगाला जिसमें यह पता चला कि जिस वक्त जमीन माफिया कमलेश के ठिकाने पर ईडी छापामारी कर रही थी उसी वक्त कांके सीओ ईडी से बचने की फिराक में जुट गए थे।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Fri, 12 Jul 2024 12:12 PM (IST)
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जूमीन घोटाला मामले में ईडी की जांच जारी। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, रांची। Land Scam Case जमीन घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने गुरुवार को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) के दफ्तर को खंगाला। ईडी ने जांच में पाया कि 21 जून को जब जमीन माफिया कमलेश के ठिकाने पर ईडी छापेमारी कर रही थी तब कांके के अंचलाधिकारी जयकुमार राम ईडी जांच से बचने की कोशिश में जुट गए थे।

उसी दिन यानी 21 जून को ही सीओ ने एनआइसी में म्यूटेशन की 20 एंट्री में छेड़छाड़ की। जालसाजी के सबूत को मिटाने की कोशिश में लगे रहे। इस दरम्यान उन्होंने 17 एंट्री को पूरी तरह नष्ट कर दिया। सीओ ने कमलेश को जालसाजी में सहयोग किया। कांके अंचल में करीब 700 एकड़ जमीन के कागजात में हेराफेरी की गई है।

जमीन के ऑनलाइन कागजात में हेराफेरी की आशंका

जमीन की प्रकृति बदलने, मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने, मूल रैयत का नाम हटाकर नए रैयत का नाम जोड़ने के मामले में एनआइसी की भूमिका संदिग्ध है। ईडी को सूचना है कि एनआइसी से ही जमीन के ऑनलाइन कागजात में हेराफेरी की गई।

इसके आधार पर ही फर्जी रैयतों के नाम पर म्यूटेशन हो गया। ईडी ने इस कार्यालय के डिजिटल प्लेटफार्म का डेटा खंगाला है। यहां से म्यूटेशन के डेटा को ईडी अपने साथ लेकर गई है। अब सभी संबंधित डेटा की समीक्षा होगी। एनआइसी राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को आइटी सपोर्ट देती है।

21 जून को ईडी की छापामारी में क्या-क्या मिला

गौरतलब है कि 21 जून को ईडी ने भूमि माफिया कमलेश कुमार सिंह उर्फ कमलेश कुमार के कांके रोड चांदनी चौक के समीप एस्टर ग्रीन अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 603 सी में छापेमारी की थी। यहां से ईडी को एक करोड़ रुपये नकदी के अलावा 100 कारतूस मिले थे। ईडी की छापेमारी की सूचना मिलते ही कमलेश फरार हो गया था। कांके अंचल में जब छापेमारी की सूचना पहुंची तो अंचलाधिकारी भी सबूत मिटाने में जुट गए थे।

जमीन घोटाला प्रकरण में बड़गाईं अंचल के बाद अब कांके अंचल भी पूरी तरह से ईडी के रडार पर है। जमीन घोटालेबाजों की सूची में कई और नाम जुड़ेंगे। कांके के अंचलाधिकारी व अंचल निरीक्षक के मोबाइल एक दिन पहले ही ईडी ने जब्त किया था। अब उनसे पूछताछ भी होनी है।

ग्रामीणों से पूछताछ में सामने आए जमीन माफिया के नाम

ईडी ने ग्रामीणों से पूछताछ में फरार जमीन माफिया कमलेश कुमार सिंह उर्फ कमलेश कुमार व उसके सहयोगियों के नाम सामने आए हैं। इनमें कमलेश के अलावा विक्की जायसवाल का नाम सामने आया है। ईडी चामा गांव के ग्राम प्रधान, पंचायत समिति सदस्य व ग्रामीणों का भी बयान लेगी।

ग्रामीणों से ईडी को लगातार घोटाले की जानकारी मिल रही है। जालसाजी की कहानी परत दर परत खुल रही है। ग्रामीणों ने ईडी को बताया है कि भूमि माफिया कमलेश ने कांके के चामा व बुकरू मौजा में बड़े पैमाने पर गलत तरीके से जमीन की खरीद-बिक्री की है।

चामा में पुलिस हाउसिंग के लिए सरकारी जमीन का सौदा किया गया था। अब इस हाउसिंग सोसाइटी में जमीन खरीदने वाले सभी रैयतों का भी ईडी बयान लेगी।

आज कमलेश कुमार से प्रस्तावित पूछताछ

ईडी कार्यालय में शुक्रवार को भूमि माफिया कमलेश कुमार से पूछताछ प्रस्तावित है। ईडी ने उसे चौथा समन कर 12 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया है। 21 जून की ईडी की छापेमारी के बाद से ही कमलेश फरार चल रहा है।

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