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Bird flu ALERT: बर्ड फ्लू की आशंका को ले झारखंड में जारी हुआ अलर्ट, DC को भेजी एडवाइजरी

Bird flu ALERT देश के कुछ राज्यों (राजस्थान मध्य प्रदेश) में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद झारखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। पशुपालन विभाग ने राज्य के सभी डीसी को इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी भेज दी है।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Sat, 02 Jan 2021 09:17 PM (IST)
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Bird flu ALERT: झारखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Bird flu ALERT देश के कुछ राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश व अन्य) में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद झारखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। पशुपालन विभाग ने राज्य के सभी डीसी को इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी भेज दी है और इस संदर्भ में तत्काल आवश्यक कदम उठाने को कहा है। तयशुदा निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि किसी भी पक्षी की अस्वाभाविक मृत्यु होने पर तत्काल इसकी सूचना पशुधन सेवाएं विभाग और अन्य अधिकारियों को दी जाए।

पक्षी के बिसरे को जांच के लिए लैब भेजे जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। हालांकि पशुपालन विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अभी राज्य में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन फौरी कदम उठाते हुए अलर्ट जारी किया गया है। बर्ड फ्लू को लेकर आम जनता में अनावश्यक भय और भ्रांति न फैलने पाए, इसके लिए भी निर्देशित किया गया है।

राजस्व के मोर्चे पर तेजी से सामान्य हो रहे हालात

कोविड-19 की शुरुआती चुनौतियों से निपटने के बाद राजस्व के मोर्चे पर हालात अब तेजी से सामान्य हो चले हैं। इस वित्तीय  वर्ष की तीसरी तिमाही में वाणिज्यकर विभाग का राजस्व संग्रह बढ़कर 1531 करोड़ पहुंच गया जो कि अब तक का सर्वाधिक है। जीएसटी और आइजीएसटी संग्रह तो बढ़ा ही है, वैट ने भी सरकार के खजाने को भरने में अपनी अहम भूमिका अदा की। इसके अलावा 318.89 करोड़ की राशि केंद्र से क्षतिपूर्ति मद में भी मिली है।

दिसंबर में जीएसटी कलेक्शन 493 करोड़ पहुंच गया, जो कि गत वर्ष की समान अवधि से 470.34 करोड़ की तुलना में 104 प्रतिशत रहा। वहीं, वैट समेत नॉन जीएसटी कलेक्शन 434.97 करोड़ रहा। आइजीएसटी भी बढ़कर 284.2 करोड़ पहुंच गया। दिसंबर में राजस्व संग्रह बढऩे से इस वित्तीय वर्ष वाणिज्यकर विभाग का राजस्व संग्रह 9688.08 करोड़ पहुंच गया है जो कि गत वित्तीय वर्ष की समान अवधि 10726 करोड़ से कुछ ही कम है। मार्च तक यह हालात और सुधरने की उम्मीद जताई जा रही है।

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