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Ranchi News: सेंट्रल जेल बना कैदियों का मनपसंद कारागार, पहुंचते ही गैंगस्टरों को मिल जाता है मोबाइल फोन

Ranchi बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में पहुंचते ही गैंगस्टरों को मोबाइल मिल जाता है। यहां बैठे-बैठे ही अपराधी अपना साम्राज्य फैला रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां उन्हें आसानी से मोबाइल मिल जाता है जिसके माध्यम से वे जेल से ही अपराध का साम्राज्य चला लेते हैं।

By Dilip KumarEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Sun, 15 Jan 2023 10:15 AM (IST)
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बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा गैंगस्टरों के लिए सबसे सुरक्षित व मनपसंद जेल है।

रांची, प्रिंस श्रीवास्तव। झारखंड की राजधानी रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा गैंगस्टरों के लिए सबसे सुरक्षित व मनपसंद जेल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां उन्हें आसानी से मोबाइल मिल जाता है, जिसके माध्यम से वे जेल से ही अपराध का साम्राज्य चला लेते हैं। पूर्व में झारखंड पुलिस की आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने भी होटवार जेल में बंद संगठित अपराध के कुख्यातों के विरुद्ध जांच के दौरान इसका खुलासा किया था और यह पाया था कि एक दिन में होटवार जेल के भीतर डेढ़ सौ से अधिक मोबाइल चलते मिले थे। एटीएस के इसी इनपुट के आधार पर रांची के खेलगांव थाने में दर्ज प्राथमिकी में अनुसंधान के दौरान यह स्पष्ट हो गया है कि होटवार स्थित उक्त जेल में पहुंचते ही गैंगस्टरों को मोबाइल मिल जाता है।

रांची पुलिस की छानबीन में यह पता चला है कि रांची जेल में रहने के दौरान अमन साव उर्फ अमन साहू, सुजीत सिन्हा, शीतल महतो, हरि किशोर प्रसाद उर्फ किशोर, सूरज कुमार सिंह, राजू सिंह और हरि तिवारी ने मोबाइल का इस्तेमाल किया है। गैंगस्टरों ने जेल के भीतर से ही कारोबारियों को धमकाया, रंगदारी मांगी और नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी।

इस कांड के अनुसंधानकर्ता खेलगांव थानेदार मनोज महतो को पर्यवेक्षण पदाधिकारी ने आदेश दिया है कि सभी गैंगस्टरों को रिमांड पर लेकर पूछताछ के बाद सबके विरुद्ध जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करें। अमन साव को टंडवा और बड़कागांव में दर्ज मामलों में आरोपित बनाया जाएगा। जेल में रहने के दौरान अमन ने वहां के कारोबारियों से रंगदारी मांगी थी।

जेल में मोबाइल इस्तेमाल होने का ऐसे हुआ खुलासा

रांची पुलिस ने अनुसंधान के दौरान पाया कि मोबाइल नंबर 91xxxxxx67,85xxxxxx75 की टॉवर लोकेशन केंद्रीय कारा होटवार थी और हर वक्त वही रहती थी। इन दोनों मोबाइल नंबरों के मोबाइल सेट का इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (आइएमइआइ) नंबर निकाला गया और उसका विश्लेषण किया गया तो पता चला कि उक्त मोबाइल में इन दोनों नंबरों के अलावा 68 अन्य नंबरों का इस्तेमाल किया गया है।

इन नंबरों में 73xxxxxx48, 87xxxxxx17, 74xxxxxx51, 82xxxxxx46, 80xxxxxx79, 90xxxxxx47, 82xxxxxx70, 84xxxxxx54, 96xxxxxx84, 60xxxxxx41, 62xxxxxx47, 76xxxxxx91, 98xxxxxx64, 70xxxxxx16 व 82xxxxxxxx42 आदि शामिल हैं।

जांच में 199 सिमकार्ड के इस्तेमाल की पुष्टि

पुलिस अनुसंधान में रांची जेल के भीतर 199 सिमकार्ड के इस्तेमाल की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस द्वारा सभी मोबाइल नंबरों के आइएमइआइ की विधिवत जांच की गई है। पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि डोरंडा थाना क्षेत्र में एक युवक का मोबाइल गिर गया था, जो जेल में एक गैंगस्टर तक पहुंचा था। पुलिस ने जब उस युवक के बारे में छानबीन की तो पता चला कि वह युवक मानसिक रोगी है।

जांच के दौरान पता चला कि मोबाइल नंबर 91xxxxxx67 की धारक सीता देवी थी, जिनके पति बिहारी साहू हैं जो एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के हेथु की निवासी हैं। पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो सीता देवी ने बताया कि उक्त मोबाइल नंबर का इस्तेमाल इनका बड़ा बेटा सुमन साव करता है। उनके बेटे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उनका मोबाइल गुम हो गया था। गैंगस्टर तक वह मोबाइल कैसे पहुंचा, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

जेल प्रशासन के नपेंगे कई अधिकारी

रांची पुलिस की यह जांच रिपोर्ट अब पुलिस मुख्यालय व जेल निरीक्षणालय को भी भेजी जाएगी। इसके बाद जेल के भीतर गैंगस्टरों को सहयोग करने वाले अधिकारी व कर्मी चिह्नित किए जाएंगे। इसमें जो दोषी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई भी होगी। पूर्व जेल महानिरीक्षक मनोज कुमार ने भी बताया था कि रांची पुलिस की रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

लवकुश और सोनू शर्मा को दूसरे जेल में शिफ्ट करेगी पुलिस

पुलिस का कहना है कि लवकुश शर्मा और सोनू शर्मा रांची जेल में बंद हैं। दोनों जेल में रहने के बाद भी आसानी से कारोबारियों को धमकी दे रहे हैं, ऐसी सूचना आई है। अब यह तय किया जा रहा है कि दोनों ही कुख्यात अपराधियों को राज्य की दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जाएगा। रांची पुलिस इससे संबंधित प्रस्ताव जल्द ही पुलिस मुख्यालय को देगी।

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