राज्य ब्यूरो, रांची। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर कहा है कि हेमंत सोरेन सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देकर राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता से खिलवाड़ कर रही है।
प्रतुल ने कहा कि फारनर्स एक्ट 1946 और पासपोर्ट एक्ट 1920 के अंतर्गत और भारतीय संविधान के आर्टिकल विदेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार करने और बाहर करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार को दी गई है। उसके बावजूद राज्य सरकार इस पूरे मुद्दे पर कुंडली मारकर बैठी हुई है।
इन घुसपैठियों का वह वोट बैंक के रूप में प्रयोग कर रही है।
प्रतुल ने लगाया बड़ा आरोप
प्रतुल ने कहा कि घुसपैठियों का फर्जी आधार कार्ड को भी रद्द करने का अधिकार राज्य सरकार के पास गृह मंत्रालय ने 2019 में ही स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर बना कर दे दिया था। सूचना अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार लोहरदगा जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने घुसपैठियों की संख्या शून्य बताई है, जबकि 12 अप्रैल 2020 को ही स्पेशल ब्रांच ने लोहरदगा दंगों में रोहिंग्या मुसलमानों का हाथ बताया था।
कुछ ऐसी ही जानकारी दुमका, जामताड़ा, पाकुड़ और गोड्डा जिला के पुलिस अधीक्षकों के कार्यालय से सूचना के अधिकार के तहत मिले जवाबों से प्राप्त हुई है, लेकिन इन जवाबों के बिल्कुल उलट झारखंड के स्पेशल ब्रांच ने दो जून को पत्र लिखकर साफ कहा है की झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश करने की सूचना है।
रघुवर दास पर आरोप
पिछड़ा वर्ग का अपमान
एक प्रश्न के जवाब में प्रतुल ने कहा कि रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 से 2019 तक बेदाग छवि वाली सरकार दी थी। उनपर आरोप लगाना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पिछड़ा विरोधी मानसिकता को दिखाता है। इंडी गठबंधन के नेताओं को ना तो पिछड़ा के रूप में प्रधानमंत्री स्वीकार है, ना ही एक पिछड़ा का बेटा उड़ीसा जैसे राज्य का राज्यपाल बने यह स्वीकार्य है।
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