झारखंड विजय के लिए BJP का 'मास्टर प्लान' तैयार, दिग्गज सांसदों का पत्ता कटना तय! किन्हें मिलेगी लोकसभा की कन्फर्म टिकट ?
Lok Sabha Election 2024 भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की फरवरी के दूसरे सप्ताह में बैठक होने वाली है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले होने वाली इस बैठक में झारखंड से भी 250 नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। जिला परिषद स्तर कर के कार्यकर्ताओं के इस जुटान में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों पर भी चर्चा होगी।
राज्य ब्यूरो, रांची। फरवरी के दूसरे सप्ताह में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होनी है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले होने वाली इस बैठक में झारखंड से भी 250 नेता-कार्यकर्ता शामिल होंगे। जिला परिषद स्तर कर के कार्यकर्ताओं के इस जुटान में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों पर भी चर्चा होगी।
इस दौरान दिए जाने वाले फीडबैक पर ही झारखंड में लोकसभा की 14 सीटों में से आठ सीटों के लिए नए प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा। इसमें धनबाद के सांसद पीएन सिंह और पलामू के सांसद बीडी राम का नाम शामिल है, जिनकी उम्र 70 साल से अधिक हो चुकी है। गोड्डा, खूंंटी, हजारीबाग, दुमका में पार्टी सांसद के चेहरे में बदलाव नहीं करेगी जबकि लोहरदगा के लिए कई नए चेहरे टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
किस सीट का क्या है समीकरण ?
भाजपा लोकसभा में टिकट देने के लिए कार्यकर्ताओं को फीडबैक के अलावा स्वतंत्र एजेंसी की भी सलाह ले रही है। चतरा से मौजूदा सांसद सुनील सिंह को 2019 में भी टिकट लेने के लिए स्थानीय स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ा था। इसबार फिर से उनकी राह मुश्किल लग रही है।जमशेदपुर से सांसद विद्युत वरण महतो की जगह उनके बेटे भी भाजपा से टिकट के दावेदार हैं। वहां से पार्टी किसी अन्य कुर्मी चेहरे पर दांव लगा सकती है।
रांची के सांसद संजय सेठ की सक्रियता क्षेत्र में रहती है, लेकिन राजनीतिक माहौल में स्थानीयता के मुद्दे के हावी होने से उनके टिकट में भी परेशानी हो सकती है। पार्टी रांची के किसी हाई प्रोफाइल चेहरे को मैदान में उतार सकती है।
पलामू में भाजपा को राजद की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। इस सुरक्षित सीट पर पार्टी किसी अन्य दलित चेहरे को सामने ला सकती है। बीडी राम दो बार सांसद रह चुके हैं और उनकी उम्र भी 70 साल पार कर चुकी है।
लोहरदगा सीट पर सांसद सुदर्शन भगत की छवि तो स्वच्छ है लेकिन वहां एंटी एनकंबेंसी का प्रभाव है। उनका टिकट बदला तो भाजपा की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा या पूर्व आईपीएस अरुण उरांव वहां से दावेदार हो सकते हैं।चाईबासा में जेबी तुबिद को पिछली बार टिकट मिला थी वो जीत नहीं पाए थे। इसबार यहां दूसरी पार्टी से आए किसी नेता को पार्टी उतारने के मूड में है।
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