Lok Sabha Elections: किसका कटेगा पत्ता? झारखंड की इन सीटों पर 'जाति' कार्ड खेल सकती है BJP, रेस में दो बड़े राजपूत नेता
चुनाव में जाति-जमात पर सबकी नजर होती है। सीटों पर जीत-हार का आकलन इसी के इर्द-गिर्द तय होता है। जिस क्षेत्र में बहुलता होती है वहां से सभी दल जातीय समीकरण का ध्यान अवश्य रखते हैं। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर झारखंड में भाजपा ने प्रतिद्वंद्वी दलों से बाजी तो मार ली है लेकिन बाकी बची सीटों को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स जातीय गोलबंदी की आड़ में जारी है।
प्रदीप सिंह, रांची। Lok Sabha Elections चुनाव में जाति-जमात पर सबकी नजर होती है। सीटों पर जीत-हार का आकलन भी इसी के इर्द-गिर्द तय होता है। जिस क्षेत्र में बहुलता होती है, वहां से प्राय: सभी दल जातीय समीकरण का ध्यान अवश्य रखते हैं।
लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर झारखंड में भाजपा ने प्रतिद्वंद्वी दलों से फिलहाल बाजी मार ली है। 11 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर भाजपा ने विपक्षी महागठबंधन पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाई है, लेकिन बाकी बची सीटों को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स जातीय गोलबंदी की आड़ में चल रहा है।
राजग का घटक दल होने के नाते गिरिडीह सीट पर आजसू पार्टी के प्रत्याशी को मौका मिलने की संभावना है। फिलहाल इस सीट पर आजसू पार्टी के प्रमुख नेताओं में शुमार डा. चंद्रप्रकाश चौधरी का कब्जा है। जिच चतरा और धनबाद लोकसभा सीटों को लेकर ज्यादा है।
यह भी एक संयोग है कि दोनों सीटों पर काबिज भाजपा सांसद क्षत्रिय समुदाय से आते हैं। चतरा और धनबाद में प्रत्याशियों की घोषणा का सबको इंतजार भी है। ऐसे में जातीय संगठन ने मोर्चा खोल दिया है। हालांकि, अगर जातीय दृष्टिकोण से इन सीटों पर उलटफेर हुआ तो उपेक्षा का आरोप लगने का भी डर है।
क्षत्रिय महासभा ने किया हस्तक्षेप
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने चतरा और धनबाद लोकसभा सीटों पर क्षत्रियों (राजपूतों) को प्रतिनिधित्व देने को लेकर मोर्चा खोला है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह तंवर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस दिशा में पहल करें। दोनों सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं होने से असमंजस की स्थिति पैदा हुई है।
तीन सीटों पर क्या है स्थिति
चतरा - यह सीट भाजपा के पास है। सांसद सुनील कुमार सिंह भारी अंतर से दो बार चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट पर एनसीपी (अजीत पवार गुट) में शामिल हो चुके हुसैनाबाद के विधायक कमलेश कुमार सिंह और पांकी के भाजपा विधायक कुशवाहा शशि भूषण मेहता रेस में हैं। योगेन्द्र प्रताप सिंह भी दावेदारों में हैं।
धनबाद - यह सीट भी भाजपा के पास है। सांसद पशुपतिनाथ सिंह की अधिक उम्र को देखते हुए प्रत्याशी में बदलाव की संभावना व्यक्त की जा रही है। यहां से धनबाद के विधायक राज सिन्हा प्रबल दावेदार हैं। कांग्रेस की एक महिला विधायक का नाम भी लिया जा रहा है।
गिरिडीह - यह सीट भाजपा की सहयोगी आजसू पार्टी के पास हैं। चंद्रप्रकाश चौधरी ने यहां से झामुमो प्रत्याशी को परास्त किया था। इस बार भी गठबंधन के तहत यह आजसू पार्टी के पास सीट जा सकती है। जल्द ही सीट को लेकर निर्णय होगा।
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