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झारखंड में महागठबंधन की ठोस रणनीति के आगे पस्त हुई भाजपा, उपचुनाव में लगातार मिल रही हार

Jharkhand By Election Result Political Update पूर्व के उपचुनाव में भी भाजपा प्रत्‍याशी परास्त हुए थे। मधुपुर उपचुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। 2019 के विधानसभा चुनाव में परास्त होने के बाद भाजपा ने जीत का स्वाद नहीं चखा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Mon, 03 May 2021 08:17 PM (IST)
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Jharkhand By Election Result 2019 के विधानसभा चुनाव में परास्त होने के बाद भाजपा ने जीत का स्वाद नहीं चखा।
रांची, [प्रदीप सिंह]। 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमोनीत महागठबंधन के समक्ष घुटने टेकने के बाद भाजपा ने अभी तक झारखंड में जीत का स्वाद नहीं चखा है। तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी उसे करारी शिकस्त मिली है तो इसके पीछे राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन की ठोस रणनीति है। महागठबंधन की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसका श्रेय जाता है कि उन्होंने महागठबंधन की एकजुटता मजबूत करने के साथ-साथ कारवां को भी आगे बढ़ाया।

पहले दुमका और बेरमो में महागठबंधन के प्रत्याशी ने जीत का परचम लहराया। दो मई को मधुपुर विधानसभा उपचुनाव का परिणाम भी महागठबंधन के पक्ष में आया। इन चुनावों में भाजपा ने अपने पक्ष में हवा बनाने की भरसक कोशिश की थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई। तमाम प्रमुख नेताओं ने जहां क्षेत्र में कैंप किया, वहीं प्रचार के सभी हथकंडे अपनाए गए। प्रशासन को भी निशाने पर रखा गया, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद भाजपा के नेता रटा-रटाया जवाब दे रहे हैं। जबकि महागठबंधन की एकजुटता इस चुनाव में मजबूती के साथ सामने आई।

हेमंत सोरेन ने न सिर्फ खुद यहां कमान संभाली, बल्कि कांग्रेस और राजद के वरीय नेताओं को भी सफलतापूर्वक मोर्चे पर लगाया। इस चुनाव के परिणाम ने महागठबंधन के आत्मविश्वास में भी इजाफा किया है। भाजपा जहां परिणाम के बाद बचाव की मुद्रा में है, वहीं महागठबंधन का रुख आक्रामक है। जिन मुद्दों के बल पर भाजपा ने चुनावी किला फतह करने की कोशिश की थी, वह परवान नहीं चढ़ पाई। जबकि महागठबंधन की रणनीति ने प्रत्याशी को जीत दिलाई।

अब निशाने पर भाजपा के रणनीतिकार

मधुपुर उपचुनाव के परिणाम ने भाजपा के रणनीतिकारों को निशाने पर ला खड़ा किया है तो महागठबंधन आक्रामक है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद पांडेय के मुताबिक भाजपा की बांटो और राज करो की नीति की पोल खोल चुकी है। समाज को दो हिस्सों में बांटने का भाजपा नेताओं का मंसूबा झारखंड में कभी सफल नहीं होगा। उपचुनाव के परिणाम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नीतियों पर भी जनता की मोहर लगाई है।

उधर कांग्रेस का कहना है कि लगातार चुनाव में मात खा रही भाजपा के प्रमुख नेताओं को इस्तीफा सौंप देना चाहिए। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि बाबूलाल मरांडी भाजपा के लिए ही बोझ बन गए हैं। बात-बात पर सरकार गिराने का दावा करने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को भी पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इन परिणामों से साबित होता है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य के लोगों की आस्था है। हालांकि भाजपा का दावा है कि मधुपुर में उसके वोट पिछले विधानसभा उपचुनाव के मुकाबले बढ़े हैं।

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