BJP Candidates List: भाजपा का ज्यादातर पुराने चेहरों पर विश्वास बरकरार, धनबाद व चतरा में फंसा जातीय समीकरण का पेंच
भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड से लोकसभा की 11 सीटों में से ज्यादातर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है और सिर्फ हजारीबाग और लोहरदगा में प्रत्याशी बदले गए हैं। शनिवार दोपहर हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने ही इंटरनेट मीडिया पर चुनाव लड़ने से अनिच्छा जताई थी। बता दें कि धनबाद व चतरा में जातीय समीकरण का पेंच फंसा है और ओबीसी वोट पर भाजपा की नजर है।
राज्य ब्यूरो, रांची। BJP Candiates List For Loksabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड से लोकसभा की 11 सीटों में से ज्यादातर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है। सिर्फ हजारीबाग और लोहरदगा में प्रत्याशी बदले गए हैं। हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने शनिवार दोपहर ही इंटरनेट मीडिया पर चुनाव लड़ने से अनिच्छा जताई थी। हजारीबाग से भाजपा विधायक मनीष जायसवाल को टिकट देकर भाजपा ने वैश्य समुदाय को प्रतिनिधित्व देने की पहल की है।
रांची से संजय सेठ पीएम नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रमों को सक्रियता से लागू कर रहे थे। इसका उन्हें अवार्ड मिला है। हालांकि रायशुमारी में भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा की भी दावेदारी थी। लेकिन उन्हें निराशा मिली। पलामू में पार्टी ने तीसरी बार बीडी राम को टिकट दिया।झारखंड के पूर्व डीजीपी बीडी राम की बढ़ती उम्र की वजह से टिकट कटने की चर्चा थी। लेकिन अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित इस सीट पर मजबूत प्रत्याशी नहीं मिलने की वजह से उनका टिकट बरकरार रहा। गोड्डा से निशिकांत दूबे का टिकट पहले से कन्फर्म माना जा रहा था।
जातीय समीकरण में फंसा धनबाद और चतरा
चतरा और धनबाद दोनों ही सीट भाजपा के पास है। चतरा से सुनील सिंह और धनबाद से पीएन सिंह दोनों राजपूत समुदाय से आते हैं। पड़ोस की इन दोनों सीटों पर एख ही समुदाय के प्रत्याशी देने से पार्टी बचने का प्रयास कर रही है। इस वजह से यहां का टिकट होल्ड पर रखा गया है।पीएन सिंह भी 70 साल से अधिक की उम्र सीमा वाले हैं। हालांकि उनकी सक्रियता और छवि दोनों साफ है। चतरा और धनबाद में से किसी एक जगह नए प्रत्याशी को मौका मिल सकता है।
जयंत और सुदर्शन पर पहले से था संशय
हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा ने शनिवार दोपहर इंटरनेट मीडिया पर अपने चुनाव लड़ने से अनिच्छा की घोषणा की थी। लग रहा है कि उन्हें बेटिकट किए जाने की सूचना मिल गई थी। जयंत सिन्हा दिल्ली में सक्रिय रहते हैं। दो बार सांसद रहने के बाद भी वो स्थानीय कार्यकर्ताओं से घुलमिल नहीं सके थे।जबकि लोहरदगा से सांसद सुदर्शन भगत पार्टी के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं। पार्टी ने उनकी जगह राज्यसभा सदस्य समीर उरांव को लोकसभा का टिकट दिया है। सुदर्शन भगत के खिलाफ एंटी इन्कबेंसी का असर माना जा रहा था। दोनों नेताओं को जब मोदी कैबिनेट से निकाला गया तभी से इनके टिकट कटने के आसार दिखने लगे थे।
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