Lok Sabha Election: झारखंड में BJP का प्लान हो सकता है फेल, इस रणनीति से भेदने की तैयारी में Champai Soren
नीतीश कुमार को आइएनडीआइए गठबंधन से अलग कर साथ लाने में सफल हुई भाजपा झारखंड में इसकी मजबूती को दरका नहीं पाई। बिहार में सियासी उठापटक के हफ्ते भर बाद झारखंड में तत्कालीन मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से राजनीतिक उथल पुथल मची तो लगा कि भाजपा को इसमें अवसर मिल सकता है लेकिन झामुमो के साथ कांग्रेस और राजद और वाम दल के विधायक पूरी तरह से एकजुट रहे।
दिव्यांशु, रांची। विपक्ष के बड़े चेहरे नीतीश कुमार को आइएनडीआइए गठबंधन से अलग कर साथ लाने में सफल हुई भाजपा झारखंड में इसकी मजबूती को दरका नहीं पाई। बिहार प्रकरण के हफ्ते भर बाद झारखंड में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से राजनीतिक उथल पुथल मची तो लगा कि भाजपा को इसमें अवसर मिल सकता है, लेकिन झामुमो के साथ कांग्रेस और राजद और वाम दल के विधायक पूरी तरह से एकजुट रहे।
आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को अब अपना रणनीति बदलने पर विचार करना पड़ रहा है। भ्रष्टाचार के मामले में हेमंत के जेल जाने की वजह से भाजपा को राजनीतिक तौर पर जो बढ़त मिलनी चाहिए थी, उसे गठबंधन की एकजुटता ने रोकने की कोशिश की है।
कांग्रेस में रही एकजुटता, विधायक भी डटे रहे
भाजपा के रणनीतिकारों को उम्मीद थी कि नई सरकार के गठन के बाद मंत्रिपरिषद में स्थान को लेकर कांग्रेस विधायकों में असंतोष हो सकता है, लेकिन चंपई सोरेन के राजभवन में सरकार बनाने का दावा पेश करने के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मोर्चा संभाला। विधायकों ने झामुमो गठबंधन के साथ ही रहने के संकेत दिए।निशिकांत और दीपक प्रकाश सिर्फ करते रहे दावा
गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दूबे और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के साथ ही झामुमो गठबंधन के पास बहुमत नहीं होने का मामला उठाया। इंटरनेट मीडिया पर दोनों नेता लगातार पोस्ट करते रहे, जिसमें विधायकों के गठबंधन से अलग होने का दावा किया गया।राजभवन से सरकार गठन के लिए निमंत्रण मिलने में हो रही देरी ने दोनों के दावे को थोड़ा असरदार भी बनाया। लेकिन 43 विधायकों के वीडियो संदेश और सर्किट हाउस से लेकर हवाई जहाज तक की मौजूदगी ने संशय खत्म कर दिया।
सरकार गठन के सवाल पर भले ही छिटपुट भाजपा नेता बयान बाजी कर रहे थे, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चंपई सोरेन के शपथ ग्रहण के साथ ही उन्हें बधाई दी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाने की सलाह भी दी। बाबूलाल मरांडी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि चम्पाई सरकार को अस्थिर करने में भी भाजपा की दिलचस्पी नहीं है।ये भी पढ़ें: Hemant Soren: ED का ताबड़तोड़ एक्शन, अब इस पूर्व सीनियर अफसर को रिमांड पर लेगी जांच एजेंसी; हेमंत से होगा आमना-सामना
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