विस चुनाव के प्रचार अभियान के लिए BJP ने तैयार की चुनावी थीम, लोगों को वादे और दावे के आंकड़े समझाएगी भाजपा
Jharkhand Politics झारखंड में सत्ता में वापसी के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। राजनीतिक मोर्चे पर इसका असर भी दिख रहा है। प्रचार अभियान के फ्रंट पर भी भाजपा ने सत्तारूढ़ गठबंधन को पछाड़ने के लिए आक्रामक रणनीति तैयार की है। इस मोर्चे पर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमोनीत गठबंधन सरकार के कार्यकाल में किए गए दावों और वादों के हकीकत की पड़ताल होगी।
प्रदीप सिंह, रांची। Jharkhand Assembly Election झारखंड में सत्ता में वापसी के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। राजनीतिक मोर्चे पर इसका असर भी दिख रहा है।
प्रचार अभियान के फ्रंट पर भी भाजपा ने सत्तारूढ़ गठबंधन को पछाड़ने के लिए आक्रामक रणनीति तैयार की है। इस मोर्चे पर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमोनीत गठबंधन सरकार के कार्यकाल में किए गए दावों और वादों के हकीकत की पड़ताल होगी।
'मिला क्या' होगी भाजपा की थीम
आंकड़ों की जुबानी भाजपा लोगों को यह समझाने का प्रयास करेगी कि जो दावे और वादे सरकार और गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने किए और जिसके दम पर सत्ता हासिल की, उसकी हकीकत क्या है? निष्कर्ष बताकर पार्टी यह सवाल जनता के बीच उछालेगी-मिला क्या! विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार अभियान की यही थीम होगी।
प्रचार अभियान का खाका तैयार करने के मोर्चे पर डटे रणनीतिकारों में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ऐसी ही मारक रणनीति तैयार की है। इसी माह इसकी शुरूआत कर दी जाएगी। फिलहाल चुनाव की घोषणा होने में दो माह का समय है। इस दरम्यान तीखे सवालों को उछालकर जनमानस में पैठ बनाने की कोशिश होगी।
पार्टी चुनावी मैदान में लगाएगी पूरा दम
उल्लेखनीय है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्वा सरमा को चुनाव की कमान सौंपकर यह संदेश पहले ही दे दिया है कि झारखंड का राजनीतिक मैदान जीतने को लेकर पार्टी पूरा दमखम लगाएगी।
दोनों नेता लगाकर उन मोर्चों पर काम कर रहे हैं, जो दल को आगामी विधानसभा चुनाव में बढ़त दिलाने में सहायक होंगे। दोनों नेताओं की खासियत यह है कि इन्हें चुनावी रणनीति बनाने और हारी हुई बाजी को पलटने का गुर भी खूब आता है।
यही वजह है कि प्रचार अभियान के मोर्चे पर भाजपा आक्रामक तरीके से अपनी बातें रखेगी। इसमें प्रचार के विभिन्न माध्यम कारगर होंगे।
निश्चयपत्र का पोस्टमॉर्टम, घोषणापत्र की तैयारी
पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने निश्चयपत्र नाम से अपना मेनिफेस्टो जारी किया था। इसमें नौकरी से लेकर युवाओं, किसानों, महिलाओं समेत विभिन्न वर्गों से वादे किए गए थे। प्रचार अभियान में इसका भी पोस्टमॉर्टम होगा।
इसे भी आधार बनाकर सवाल उठाला जाएगा कि आखिरकार लोगों को मिला क्या? भाजपा का अपना घोषणापत्र भी जारी करने की तैयारी चल रही है। इस बाबत शोध के लिए वरीय नेताओं की समिति बनाई गई है। यह भी अंतिम चरण में है।
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