Jharkhand Election 2024: उम्मीदवारों की घोषणा होते ही भाजपा में असंतोष, नेता से लेकर कार्यकर्ता तक उठा रहे सवाल
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी की है लेकिन इसके साथ ही नेताओं और कार्यकर्ताओं का असंतोष भी सामने आ गया है। पार्टी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लग रहा है। कई नेताओं के करीबी सगे-संबंधियों को टिकट दिया गया है। इससे नाराज कार्यकर्ता सोशल मीडिया से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस तक अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए 66 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी तो कर दी। लेकिन इसके साथ ही नेताओं और कार्यकर्ताओं का असंतोष भी उभर कर सामने आ गया है। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को परिवारवाद के आरोप पर घेरती रही भाजपा ने आधा दर्जन टिकट अपने नेताओं के करीबी सगे संबंधी को दिए हैं।
इसके अलावा 15 दिन से लेकर पांच मिनट पहले पार्टी में शामिल हुए नेता को टिकट दे दिया गया है। जमशेदपुर पूर्वी सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू को टिकट मिला है।
प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य संदीप वर्मा ने इसपर सवाल उठाते हुए पूछा है कि पूर्णिमा दास का पार्टी में कौन सा योगदान है, जो उन्हें प्रत्याशी बना दिया गया।
इसी तरह हुसैनाबाद में कमलेश सिंह के टिकट दिए जाने पर भाजपा नेता विनोद सिंह ने प्रेस कान्फ्रेंस कर सवाल उठाए और कहा कि तीन दशक से पार्टी का झंडा उठाने वाले कार्यकर्ता कब तक सम्मान दिए जाने की उम्मीद करते रहेंगे।टिकट की घोषणा से पहले पार्टी ने असंतोष को थामने का हर संभव होमवर्क किया था। लेकिन टिकट की महत्वाकांक्षा पाले नेताओं कार्यतर्ताओं के सब्र का बांध इंटरनेट मीडिया से लेकर प्रेस कान्फ्रेंस तक टूटना प्रारंभ हो गया है।
संताल और कोल्हान में बिखराव झेल रही भाजपा
कोल्हान में सबसे ज्यादा नेताओं के संबंधी को टिकट मिला है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा, चम्पाई सोरेन के बेटे रामदास सोरेन, रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास और मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को टिकट मिला है।जमशेदपुर पूर्वी सीट पर कई भाजपा कार्यकर्ता टिकट की उम्मीद में थे। नेता तो अभी सदमे में हैं लेकिन कार्यकर्ताओं का असंतोष इंटरनेट मीडिया पर सामने आने लगा है।
इसी तरह संताल परगना के मधुपुर सीट पर पूर्व विधायक राज पलिवार और नाला से पूर्व विधायक सत्यानंद झा बाटुल का टिकट कटना भी कुछ कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहा है। दोनों ही नेताओं के निर्दलीय चुनाव लड़ने की चर्चा है।
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