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Book Bank: रांची सांसद संजय सेठ ने खोला पुस्‍तक बैंक, अब तक 68 हजार से अधिक किताबें बांटी

Book Bank Near Me Ranchi MP Sanjay Seth Ranchi Jharkhand News सांसद संजय सेठ ने आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए पुस्तक बैंक खोला है। अब बच्चे पुस्तक के अभाव में अच्छी शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं रह सकेंगे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Thu, 26 Aug 2021 02:49 PM (IST)
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Book Bank Near Me, Ranchi MP Sanjay Seth, Jharkhand News रांची में अपने पुस्‍तक बैंक में सांसद संजय सेठ। जागरण

रांची, [संजय कुमार]। शहर से लेकर गांव तक लाखों विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इस कारण चाह कर भी वे अपनी पढ़ाई के लिए अच्छी व महत्वपूर्ण पुस्तकें नहीं खरीद पाते। दूसरे से मांगना पड़ता है। अपने संसदीय क्षेत्र में भ्रमण के दौरान रांची लोकसभा के भाजपा सांसद संजय सेठ इस पीड़ा से रूबरू हुए। बच्‍चों ने कहा कि पैसे के अभाव में किताब नहीं खरीद पाते हैं। आप पुस्तकों की व्यवस्था कर दीजिए, हम अपनी मंजिल पर जरूर पहुंच जाएंगे।

इसके बाद सांसद ने तय किया कि पुस्तक बैंक बनाकर पढ़ने वाले विद्यार्थियों की मदद की जानी चाहिए। उन्‍होंने लोगों से भी घरों में रखी पुस्तकों को दान करने की अपील की, ताकि ज्ञान की गंगा बहती रहे। वे अब तक 68 हजार से अधिक पुस्तकें बांट चुके हैं। लोग भी पुस्तकें पहुंचा रहे हैं। एक से एक महंगी पुस्तकें यहां पर उपलब्ध है। कोई भी जरूरतमंद बच्चा यहां से पुस्तकें ले जा सकता है। शर्त इतनी रहती है कि पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे लौटा दिया जाए। बच्चे तो इस अभियान की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।

प्रतियोगी परीक्षा से लेकर कक्षाओं की पुस्तकें हैं उपलब्ध

सांसद ने इस अभियान की शुरुआत पिछले वर्ष नवंबर में छठ महापर्व के दिन की थी। रांची के अरगोड़ा स्थित अपने कार्यालय में बुक बैंक खोला। इससे पहले उन्होंने अपने परिचितों से चर्चा कर इस अभियान में सहयोग करने की अपील की। लोगों ने बढ़-चढ़कर पुस्तकें दान की। आज यहां कई लाख पुस्तकें उपलब्ध हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी से लेकर कक्षाओं की पुस्तकें यहां पर हैं।

एक से बढ़कर एक उपन्यास हैं। मेडिकल, इंजीनियरिंग, नीट, लॉ, मैनेजमेंट की पुस्तकें और संबंधित नोट भी उपलब्ध है। जो लोग पुस्तकें देते हैं, उसकी कंप्यूटर में एंट्री की जाती है। जो बच्चे जितनी पुस्तकें ले जाते हैं, उसकी एंट्री होती है, ताकि बाद में पुस्तकें वापस करने में परेशानी नहीं हो। यहां से रांची के साथ-साथ झारखंड के दूसरे जिलों के भी बच्चे पुस्तकें ले जा रहे हैं।

आप एक फोन करें, पुस्तक लेने के लिए स्वयं आ जाऊंगा : सांसद

सांसद संजय सेठ ने बातचीत में लोगों से अपील की कि आपके घर में जो भी पुस्तकें हैं, उन्हें बेचें नहीं, इस बुक बैंक में दान कर दें। आपके सहयोग से यदि कोई बच्चा पढ़ लेगा, तो पुण्य का काम होगा। लाखों ऐसे बच्चे हैं, जो पुस्तक नहीं खरीद पाने के अभाव में ठीक से पढ़ नहीं पाते हैं। इसलिए आप एक फोन करें, मैं स्वयं आपके यहां पुस्तकें लेने के लिए आ जाऊंगा। आप स्वयं भी आकर कार्यालय में जमा कर सकते हैं। कहा, एक व्यक्ति ने तो 40 लाख रुपये की पुस्तकें दी हैं।

बच्चों ने कहा, इस तरह की बुक बैंक की स्थापना पहले ही होनी चाहिए

एचईसी सेक्टर दो की छात्रा स्वेजीत श्री मेडिकल की तैयारी कर रही हैं। उनके पिता अजीत कुमार ने कहा कि बुक बैंक खोलकर सांसद ने गरीब बच्चों पर बहुत बड़ा उपकार किया है। लाकडाउन में मेरी स्थिति खराब हो गई है। बेटी नीट की तैयारी कर रही है। चाहकर भी अच्छी पुस्तकें नहीं खरीद पा रहा था। वहां से कई पुस्तकें बेटी लेकर आई है। यूपीएससी सीसैट की तैयारी कर रहा हर्ष वहां से पुस्तकें लाकर बहुत खुश है। कहता है, अब किताब के लिए मोबाइल में पीडीएफ फाइल नहीं खोजना होगा। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी से संबंधित पुस्तकें काफी महंगी होती हैं। चाहकर भी मैं नहीं खरीद पाता था। जैसे ही मुझे इस बुक बैंक की जानकारी मिली, वहां से कई पुस्तकें लेकर आया हूं।

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