ठंड में 30 प्रतिशत तक बढ़े ब्रेन स्ट्रोक के मामले, बुजुर्गों के साथ युवाओं पर भी खतरा, इन बातों का रखें ख्याल
ठंड जैसे-जैसे बढ़ रही है वैसे-वैसे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इस बार रिकार्ड ठंड की वजह से ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। सबसे ज्यादा खतरा हाई बीपी वाले मरीजों को है।
जासं, रांची। ठंड में ब्रेन स्ट्रोक के मामले काफी अधिक बढ़ रहे हैं। इस बार रिकार्ड ठंड की वजह से ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में ठंड से मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है। बढ़ती ठंड में रक्तचाप बढ़ने की सबसे बड़ी समस्या सामने आयी है, जिस कारण बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं में भी समस्या दिख रही है।
हाई बीपी वाले मरीज सर्दी में बरतें अधिक सावधानी
न्यूरो सर्जरी के एचओडी डा. अनिल कुमार बताते हैं कि ठंड में सबसे अधिक समस्या रक्तचाप वाले मरीजों को होती है। इसमें भी जो मरीज बीपी की दवा बीच में अगर छोड़ दिए हैं, तो उनमें स्ट्रोक होने का प्रतिशत काफी बढ़ जाता है। जरूरत है कि इन समस्याओं से निजात पाने के लिए ठंड में युवा वर्ग के भी लोग बीपी की जांच कराते रहें। साथ ही जिन्होंने भी बीपी की दवा छोड़ रखी है, वे डाक्टर से मिल इसे दोबारा शुरू करें।
ठंड में सिर दर्द बढ़ता है, घबराएं नहीं
ठंड में सिर दर्द के बढ़ने की समस्या होती है। डॉ. अनिल कुमार बताते हैं कि इस मौसम में सिर दर्द की समस्या बढ़ती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। डॉक्टरी सलाह पर दर्द निवारक दवा ली जा सकती है। साथ ही बीपी और शुगर के मरीजों को खास ध्यान देने की जरूरत है। इस ठंड से बचना ही एक मात्र स्वस्थ रहने का मंत्र है। किसी भी तरह शरीर को गर्म रखने का प्रयास करें और अत्यधिक ठंड में अचानक बाहर न निकलें।
ठंड में बच्चों में निमोनिया का खतरा अधिक
ठंड में सर्दी-खांसी, डायरिया और निमोनिया जैसे इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ा है। खासकर के जो कोरोना के मरीज थे उन्हें वायरल फीवर हो रहा है। ठंड में ब्लड प्रेशर और अर्थराइटिस जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. खेतान बताते हैं कि ठंड के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक बढ़ जाते हैं।
सर्दी में बच्चों का इस वजह से रखें अधिक ख्याल
इस मौसम में खासकर बच्चों का विशेष ख्याल रखें क्योंकि इस दौरान निमोनिया का खतरा रहता है। मॉर्निंग वॉक के लिए धूप के निकलने के बाद ही घर से बाहर निकलें। इससे ब्रेन व हार्ट स्ट्रोक की समस्या कम रहती है। बुजुर्गों के जोड़े में दर्द, लकवा (पेरालिसिस) का खतरा ज्यादा होता है। गर्म कपड़ा पहनने के साथ सुबह-शाम के समय शरीर में गर्माहट के लिए अलाव का सहारा लेने की डॉक्टर सलाह देते हैं।
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