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मोदी सरकार ने दर्ज की वामपंथी उग्रवाद, कश्मीर व पूर्वोत्तर के आतंक पर जीत, BSF Foundation Day पर बोले गृहमंत्री शाह

बीएसएफ के हजारीबाग स्थित प्रशिक्षण केंद्र में शुक्रवार को बीएसएफ के 58वां स्थापना मनाया गया। रानी झांसी परेड ग्राउंड पर आयोजित इस समारोह में जवानों की जांबाजी शौर्य का प्रदर्शन करतब व देश की ताकत को दिखाती झांकियों ने मौजूद दर्शकों में जोश भर दिया। मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन से जवानों में उत्साह भरा।

By Dilip KumarEdited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 01 Dec 2023 09:16 PM (IST)
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BSF Foundation Day समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह। (जागरण फोटो)
दिलीप कुमार, हजारीबाग (BSF कैंप)। झारखंड के हजारीबाग स्थित बीएसएफ प्रशिक्षण केंद्र में बीएसएफ का 58वां स्थापना मनाया गया। स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीएसएफ और सेना के जवानों की जमकर तारीफ की। इस दौरान, उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की नीतियों की भी तारीफ की।

रानी झांसी परेड ग्राउंड पर आयोजित इस समारोह में जवानों की जांबाजी, शौर्य का प्रदर्शन, करतब व देश की ताकत को दिखाती झांकियों ने मौजूद दर्शकों में जोश भर दिया। मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन से जवानों में उत्साह भरा।

जवानों की पीठ थपथपाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि बॉर्डर पर बीएसएफ के जवान तैनात हैं, इसीलिए पूरा देश चैन की नींद सोता है।

सीमा पर दुश्मन देश हलचल करता है, तो चिंता होती है, लेकिन दूसरे ही पल सूचना आती है कि वहां बीएसएफ के जवान तैनात हैं तो वे निश्चिंत हो जाते हैं। पूरे देश को इस बल पर नाज है।

गृहमंत्री अमित शाह ने हजारीबाग के स्वतंत्रता सेनानी सरस्वती देवी, बाबू राम नारायण सिंह, मदनलाल शर्मा और हजारीबाग जेल में ही अंग्रेजों के खिलाफ लोक नायक जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की।

मोदी सरकार में आतंक के हॉटस्पॉट पर मिली जीत

समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा है कि पिछले दस साल में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रावद, कश्मीर और पूर्वोत्तर जैसे आतंक के हॉटस्पॉट पर जीत दर्ज की है। यह गर्व की बात है। 

कश्मीर में सुरक्षा बलों का वर्चस्व स्थापित हुआ है। वामपंथी उग्रवाद पर लड़ाई जीतने के कगार पर हैं। इन सभी लड़ाइयों में बीएसएफ के जवानों का बहुत बड़ा योगदान है।

गृह मंत्री ने कहा कि जिस देश की सीमाएं मजबूत नहीं होती, वह देश कभी भी विकसित व समृद्ध नहीं हो सकता है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की है।

जी-20 का किया जिक्र

चांद पर चंद्रयान का पहुंचना हो, जी-20 के माध्यम से कुटनीति के क्षेत्र में देश को विश्व पटल पर मजबूती के साथ स्थापित करने की बात हो, हम आगे हैं। देश की अर्थव्यवस्था 11वें नंबर से पांचवें नंबर पर आई।

गृह मंत्री ने कहा कि बीएसएफ का घोष वाक्य है जीवन पर्यंत कर्तव्य। 1900 से ज्यादा सीमा प्रहरियों ने बलिदान देकर इसे चरितार्थ किया है।

लाखों ने अपने जीवन जीवन का स्वर्णकाल माइनस 45 डिग्री तापमान से 45 डिग्री रेगिस्तान में, गुजरात के दलदल से, बंगाल की सीमा व दुर्गम सीमाओं पर चौकसी कर बिताया है। पूरे देश को इस बल पर नाज है।

बाड़ नहीं जवान की बदौलत होती है बॉर्डर की सुरक्षा

गृह मंत्री ने कहा कि बाड़ से सीमा की सुरक्षा नहीं होती है। बीएसएफ के बहादुर जवानों की बदौलत सीमा सुरक्षित है। बाड़ तो केवल सुरक्षा में सहायता करती है।

बीएसएफ जवान का पूरा जीवन सीमा की रक्षा के साथ-साथ अनुशासन का भी बड़ा संदेश देता है। इसकी झलक मार्च पास्ट में दिखी, जिसमें वे एक भी कमी नहीं निकाल पाए।

बलिदानियों के परिवार से कहा- पूरा देश आपके साथ

अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री कहा कि समारोह में 23 जवानों पदक दिया गया है। पांच बलिदानियों को मरणोपरांत पदक, 11 को वीरता पदक, एक को जीवन रक्षक पदक, 11 को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला है। पांच ट्राफी बीएसएफ की आंतरिक प्रतिस्पर्धाओं के लिए मिला है।

जिन पांच बलिदानियों के परिवारों को मरणोपरांत पदक मिला है, उनके नुकसान की भरपाई तो नहीं हो सकती है, लेकिन देश की 130 करोड़ जनता उनके बलिदान पर नाज करेगी। गृह मंत्री ने बीएसएफ को एक महावीर चक्र, चार कीर्ति चक्र, 13 वीर चक्र, 13 शौर्य चक्र सहित कई मेडल मिलने पर बधाई दी।

घुसपैठ रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 560 किमी बाड़ लगाया

गृह मंत्री ने कहा कि नौ साल में देश में घुसपैठ को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 560 किलोमीटर बाड़ लगाया गया है। आने वाले दो वर्षों में बांग्लादेश व पाकिस्तान से सटे 60 किलोमीटर सीमा पर बाड़ लगाए जाएंगे। ये बाड़ छोटे-छोटे उस छिद्र को भरेंगे, जो घुसपैठ रोकेंगे।

1100 किलोमीटर में फ्लड लाइट, 542 नए बोर्डर आउट पोस्ट बनाए गए हैं। 510 आब्जर्वेशन टावर बनाए गए हैं। पहली बार एच नाला के क्षेत्र में आब्जर्वेशन टावर बनाए गए हैं।

637 आउट पोस्ट पर बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। पानी कनेक्शन भी 500 दिए गए हैं। सोलर प्लांट 472 जगहों पर लगाकर सीमा सुरक्षा करने वाले जवानों की सहूलियत को सुनिश्चत किया गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वापजेयी ने सीमा सुरक्षा पर इंटीग्रेटेड अप्रोच लिया था और एक सीमा एक बल की नीति तय की थी। सीमा सुरक्षा सुनिश्चित हुई थी।

आतंक, हथियारों की तस्करी और ड्रग्स तस्करों पर BSF का प्रहार

गृह मंत्री ने बीएसएफ की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने 30 हजार किलोग्राम से ज्यादा नारकोटिक्स पकड़ा। नारकोटिक्स न केवल आने वाली पीढ़ियों को खोखला करती है, बल्कि यह आतंक का भी वित्त पोषण करती है। इसके माध्यम से हथियारों की आवाजाही भी होती है। इसपर बीएसएफ ने प्रहार किया है।

बीएसएफ ने 2500 से ज्यादा हथियार पकड़े हैं। एंटी ड्रोन तकनीक बीएसएफ ने बहुत अच्छे से प्रयोग किया है। अब तक 90 से ज्यादा ड्रोन मार गिराए हैं। इसके रूट का पहचान करने के लिए बीएसएफ ड्रोन व साइबर फोरेंसिक लैब की स्थापना की गई है।

क्षेत्र पहचान के लिए 100 ड्रोन हमने उपलब्ध कराए गए हैं। बीएसएफ 2300 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तकनीकी समाधान के लिए आगे बढ़ रही है। पांच साल में सुरक्षा बलों ने देश में पांच करोड़ पौधे लगाए हैं, जिनमें सिर्फ बीएसएफ ने 92 लाख पौधा लगाया।

बहुत जल्द होगा उग्रवाद का सफाया

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश से वामपंथी उग्रवाद का सफाया जल्द होगा। दस वर्षों में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। उग्रवाद प्रभावित जिले 96 से घटकर 45 रह गए हैं। उग्रवाद प्रभावित पुलिस स्टेशन 495 से घटकर 176 रह गए हैं।

उग्रवाद पर अंतिम प्रहार के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ व आइटीबीपी तैयार है। 2019 से लेकर अब तक उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 199 सुरक्षा शिविर खोले गए, जिससे उग्रवादियों के संसाधन घटे। इसका परिणाम बूढ़ा पहाड़ व चकरबंधा से उग्रवाद के सफाए के रूप में दिखा।

कोल्हान व झारखंड के कुछ क्षेत्रों में अंतिम लड़ाई चल रही है। सीमा प्रहरियों के परिवार के लिए 40 लाख से ज्यादा आयुषमान सीएपीएफ कार्ड बांटे हैं।

लगभग लगभग 13 हजार जवानों को घर दिलाने का काम किया गया है। 113 नए बैरक बनाए हैं। 28 नवंबर 2023 तक और 11 हजार मकान व 108 बैरकों का भी लोकार्पण होगा।

दिसंबर महीना समाप्त होते होते पांच साल में 24 हजार से ज्यादा जवानों को मकान देने का काम पूरा हो जाएगा। सीएपीएफ आवास पोर्टल से खाली पड़े मकान 70 हजार से ज्यादा जवानों को आवंटित होंगे।

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