बीएसएनएल : 3000 नए बीटीएस टावर्स से दूर होगी कॉल ड्राप की समस्या
कॉल ड्राप की समस्या ने मोबाइल उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है। मोबाइल पर बात करते करते अक्सर डिस्कनेक्ट हो जाता है। यही नहीं शहर से महज 10-15 किलोमीटर की दूरी पर ही नेटवर्क का टावर गायब रहने की शिकायत भी लगातार सामने आ रही है
By Jagran News RanchiEdited By: Updated: Fri, 01 Jul 2022 02:18 PM (IST)
रांची, कुमार गौरव । जिले में कॉल ड्राप की समस्या ने मोबाइल उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है। मोबाइल पर बात करते करते अक्सर डिस्कनेक्ट हो जाता है। यही नहीं शहर से महज 10-15 किलोमीटर की दूरी पर ही नेटवर्क का टावर गायब रहने की शिकायत भी लगातार सामने आ रही है। लेकिन इन समस्याओं को दूर करने की दिशा में बीएसएनएल व अन्य निजी मोबाइल आपरेटर कुछ खास कवायद नहीं कर रहे हैं। जिससे मोबाइल उपभोक्ताओं को काल ड्राप की परेशानी ने सिरदर्द बढ़ा दिया है। पिछले कुछ दिनों से हरमू रोड एरिया के कुछ लोगों की शिकायत थी कि उनके इलाके में बीएसएनएल और जिओ नेटवर्क पूरी तरह से गायब है। मोबाइल पर बात करना तो दूर इंटरनेट की सुविधा भी नहीं मिल रही है।
जल्द बदलेंगे हालातहालांकि बीएसएनएल के पदाधिकारी इन समस्याओं से इत्तेफाक न रखते हुए कहते हैं कि लगातार नेटवर्क को सुधारने की दिशा में काम चल रहा है। जल्द ही राजधानी रांची समेत राज्य के सभी जिलों में मोबाइल नेटवर्क की स्थिति बेहतर होगी। इस दिशा में प्रयास भी किए जा रहे हैं। जीएमटीडी रांची उमेश प्रसाद साह बताते हैं कि अभी पूरे राज्य में 3000 बीटीएस टावर्स से मोबाइल सेवाएं दी जा रही हैं। जिसमें 800 सोलर उर्जा से संचालित टावर्स हैं। बता दें कि रांची जिला में बीएसएनएल के मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 2 लाख के पार है। जबकि 10 हजार फाइबर टू होम सर्विस के उपभोक्ता, 12 हजार लैंडलाइन के उपभोक्ता हैं जो बीएसएनएल की सेवाएं ले रहे हैं।
पूरे राज्य में लगेंगे 3000 नए बीटीएस टावर्स राज्य में मोबाइल टावर्स की संख्या बढ़ाने की दिशा में बीएसएनएल के पदाधिकारी सतर्क हैं। 15 अगस्त तक राज्य के सभी जिलों में 3000 नए बीटीएस टावर्स लगाए जाने की योजना है। जिसमें 800 सोलर पैनल से लैस टावर्स लगेंगे। सोलर बीटीएस को वैसे क्षेत्रों में इंस्टाल किया जाएगा जहां न तो बिजली है और न ही आने जाने का रास्ता...। लिहाजा, दुर्गम क्षेत्रों को चिन्हित कर सोलर पैनल से लैस बीटीएस टावर्स लगाए जाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि 4जी नेटवर्क को सुधारने के लिए बीएसएनएल के आलाधिकारी लगातार फरमान जारी कर कार्यप्रणाली में सुधार लाने का निर्देश दे रहे हैं। आमतौर पर काल ड्राप की समस्या तब ही होती है जब बिजली गुल हो जाती है। ऐसे में जो बीटीएस टावर बिजली से संचालित होते हैं वो बंद हो जाते हैं और आसपास वाले बीटीएस जो चल रहे होते हैं उस पर अतिरिक्त लोड पड़ता है। वजह से काल ड्राप की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
जिले में नहीं रहेगी काल ड्राप की समस्या उमेश प्रसाद साह, जीएमटीडी, बीएसएनएल रांची ने बताया कि राजधानी के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में काल ड्राप की समस्या कभी कभार ही सामने आती है। खासकर जब बिजली गुल हो जाती है। बिजली गुल हो जाने के कारण वैसे बीटीएस टावर्स जहां पावर सप्लाई की समस्या रहती है वैसे क्षेत्रों में बीटीएस टावर्स को सोलर पैनल से लैस किया जा रहा है। ताकि निर्बाध नेटवर्क की सुविधा मिलती रहे। इन समस्याओं काे दूर करने के लिए 15 अगस्त तक राज्य के सभी जिलों में 3000 नए बीटीएस टावर्स लगाए जाने की योजना है। जिसमें 800 सोलर पैनल से लैस टावर्स भी शामिल हैं। इन बीटीएस टावर्स के इंस्टालेशन के बाद काल ड्राप या फिर इंटरनेट के सिग्नल गायब रहने की समस्या नहीं होगी।
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