Jharkhand News झारखंड की कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने ईडी को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि वह राज्य के सरकारी अधिकारियों को भेजे गए समन के पीछे के पूरे मामले को स्पष्ट करे। यह बताए कि संबंधित अफसर के विरुद्ध क्या आरोप हैं एजेंसी को जांच में उनके विरुद्ध कहां-क्या साक्ष्य मिले हैं तथा किस मामले में उनसे पूछताछ की जानी है।
By Jagran NewsEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Fri, 12 Jan 2024 12:12 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड की कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने ईडी को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि वह राज्य के सरकारी अधिकारियों को भेजे गए समन के पीछे के पूरे मामले को स्पष्ट करे। यह बताए कि संबंधित अफसर के विरुद्ध क्या आरोप हैं, एजेंसी को जांच में उनके विरुद्ध कहां-क्या साक्ष्य मिले हैं तथा किस मामले में उनसे पूछताछ की जानी है।
राज्य सरकार पूरी जानकारी मिलने के बाद ही सरकार अधिकारियों को ईडी के सामने भेजने व नहीं भेजने के बिंदु पर निर्णय लेगी। कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने अपने पत्र में झारखंड सरकार की हाल में हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय से ईडी को अवगत कराया है।
साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे
उन्होंने जानकारी दी है कि बिना सरकार की अनुमति लिए कोई भी सरकारी पदाधिकारी जांच एजेंसी के सामने उपस्थित नहीं होंगे।
उधर, 1250 करोड़ रुपये के अवैध पत्थर खनन मामले में ईडी के समन पर गुरुवार को साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे। उन्होंने इस बाबत ईडी से कोई पत्राचार भी नहीं किया है। ईडी अब उन्हें जल्द ही दूसरा समन भेजेगी।
अवैध पत्थर खनन मामले में ईडी ने तीन जनवरी को साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव के आवास सहित दर्जनभर ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान ईडी को उनके कैंप कार्यालय से 21 कारतूस व पांच खोखे के अलावा 7.25 लाख रुपये नकद मिले थे।
इसके बाद ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए समन किया। ईडी ने मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू को भी इस मामले में 16 जनवरी को पूछताछ के लिए समन भेजा है।
बता दें कि झारखंड में ईडी मनरेगा घोटाला, अवैध खनन घोटाला, शराब घोटाला और जमीन घोटाले की जांच कर रही है।
दो आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल और छवि रंजन जेल में
इन मामलों में कई दो आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल और छवि रंजन जेल में हैं, जबकि साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव तथा रांची के होटवार जेल के अधीक्षक रहे हिमद अंसारी, जेलर नसीम अख्तर, डीएसपी राजेंद्र दुबे समेत कई अधिकारी जांच के घेरे में हैं। पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश और पत्थर खनन माफिया पंकज मिश्रा, उद्योगपति अमित अग्रवाल समेत दो दर्जन लोगों को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है।
तीन दिन पहले ही मंगलवार को झारखंड सरकार ने कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार के पदाधिकारी अब राज्य की जांच एजेंसी के अलावा अन्य किसी भी जांच एजेंसी के समन पर सीधे हाजिर नहीं होंगे। वह इन एजेंसियों को सीधे दस्तावेज या सरकारी अभिलेख भी उपलब्ध नहीं कराएंगे।
समन प्राप्त होने पर उन्हें सबसे पहले विभागीय प्रमुख को सूचित करना होगा। विभागीय प्रमुख का दायित्व होगा कि वे बगैर देरी किए मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को सूचित करेंगे। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग इसपर विधिक परामर्श लेगा। इसके बाद उक्त विषय पर निर्णय लेकर संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया जाएगा।
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