SBI का कस्टमर केयर बनकर किया कॉल,जानकारी देने के बहाने डाउनलोड कराया एप, खाते से उड़ा दिये साढ़े तीन लाख रुपये
Cyber Crime सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने एक महिला के खाते से तीन लाख 49 हजार 999 रुपये उड़ाने के मामले में देवघर से दो साइबर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपितों में एनुल अंसारी और बहारूद्दीन अंसारी शामिल हैं।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 19 Jan 2023 09:22 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो: सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने एक महिला के खाते से तीन लाख 49 हजार 999 रुपये उड़ाने के मामले में देवघर से दो साइबर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपितों में एनुल अंसारी और बहारूद्दीन अंसारी शामिल हैं।
मोबाइल लोकेशन के जरिए अपराधियों को पकड़ा
दोनों आरोपी देवघर के पालोजोरी के रहने वाले हैं। सीआईडी ने आरोपियों के पास से तीन मोबाइल, तीन सिमकार्ड, दो आधार कार्ड, पांच एटीएम, दो पैनकार्ड, मोटरसाइकिल के कागजात और नौ हजार 760 रुपये नकदी बरामद किया है।
सीआईडी कार्यालय में एसपी साइबर अपराध कार्तिक एस और डीएसपी साइबर अपराध थाना नेहा बाला ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में दोनों ही आरोपियों के बारे में जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि खाते में रुपयों के स्थानांतरण और मोबाइल लोकेशन के आधार पर दोनों को पकड़ा गया है।
SBI का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर महिला को किया था कॉल
साइबर अपराध थाने में एक दिसंबर 2022 को रांची के बरियातू थाने के मोरहाबादी की रहने वाली एक महिला पूजा ने अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पूजा ने अपनी शिकायत में बताया था कि उन्हें एसबीआइ के कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बनकर साइबर अपराधी ने उनके क्रेडिट कार्ड के संबंध में फोन किया था।
जानकारी देने के बहाने एप डाउनलोड करा, उड़ा दिए लाखों
कुछ जानकारी देने के बहाने उसने उनके मोबाइल पर एनी डेस्क एप डाउनलोड करवा दिया और उनके खाते से कुल 3 लाख 49 हजार 999 रुपये को अपने विभिन्न खातों में अवैध तरीके से हस्तांतरित कर लिया। खाते से रुपये कटते ही पूजा ने साइबर अपराध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है।बरतें सावधानी, नहीं तो बन जाएंगे शिकार
साइबर अपराध के जांच से जुड़े अधिकारियों ने आम लोगों को ऐसे अपराधियों से बचने की सलाह दी है। अधिकारियों ने बताया कि साइबर अपराधी विभिन्न बैंकों का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर आम लोगों को सहायता के नाम पर कॉल करते हैं। इसके बाद एनी डेस्क स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड करवाकर ट्रांजेक्शन करवाते हैं। इसके बाद इंटरनेट बैंकिंग व यूपीआइ डिटेल्स लेकर पैसों का अवैध रूप से निकासी करते हैं।
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