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ED के समन की अनदेखी पर गिरफ्तार हो सकते हैं CM सोरेन और अरविंद केजरीवाल? जानिए क्या कहता है कानून

भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर कार्रवाई कर रही ईडी के समन की दो राज्यों के मुख्यमंत्री और एक राज्य के उपमुख्यमंत्री लगातार अनदेखी कर रहे हैं। ईडी के पास समन की बार-बार अनदेखी करने पर कार्रवाई के अधिकार हैं लेकिन उसकी सीमाएं भी हैं। इस कारण हेमंत सोरेन अरविंद केजरीवाल और तेजस्वी के मामले में उसके हाथ बंधे हुए हैं।

By Jagran News Edited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 25 Dec 2023 10:20 PM (IST)
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ED के समन की अनदेखी पर गिरफ्तार हो सकते हैं CM सोरेन और अरविंद केजरीवाल? जानिए क्या कहता है कानून
राज्य ब्यूरो, रांची। देशभर में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर कार्रवाई कर रही ईडी के समन की दो राज्यों के मुख्यमंत्री और एक राज्य के उपमुख्यमंत्री लगातार अनदेखी कर रहे हैं। ईडी के पास समन की बार-बार अनदेखी करने पर कार्रवाई के अधिकार हैं, लेकिन उसकी सीमाएं भी हैं।

इस कारण हेमंत सोरेन, केजरीवाल और तेजस्वी के मामले में उसके हाथ बंधे हुए हैं। बताया जा रहा है कि इन मामलों में ईडी कानूनविदों की राय ले रही है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के छह समन के बाद भी जवाब देने के लिए पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं। रांची में जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने उन्हें पूरे परिवार की संपत्ति के विवरण के साथ आने को कहा है।

इस मामले में हेमंत सोरेन ने ईडी के अधिकार को पहले सुप्रीम कोर्ट में और बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी। हालांकि, यहां उन्हें राहत नहीं मिली। झारखंड हाई कोर्ट ने कहा कि ईडी को समन भेजकर पूछताछ करने का अधिकार है। इसलिए, उसके अधिकार को चुनौती नहीं दी जा सकती। इसके बाद भी हेमंत सोरेन पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं।

अरविंद केजरीवाल भी ED के समन पर नहीं पहुंचे

उधर, सीएम सोरेन के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शराब घोटाला मामले में ईडी की ओर से तीन बार समन भेजे जाने के बाद भी पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे हैं। ऐसे ही बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी लैंड फार जाब घोटाले में ईडी ने दूसरी बार समन भेजकर पांच जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है।

पहले समन पर 22 दिसंबर को वह भी नहीं पहुंचे। इन तीनों राजनेताओं के मामले में, खासकर हेमंत और केजरीवाल के मामले में लगातार यह सवाल उठ रहा है कि अगर आगे भे ये राजनेता समन भेजने पर नहीं पहुंचे तो ईडी का अगला कदम क्या होगा।

यह है कार्रवाई का प्रावधान

पीएमएलए की धारा-19 के तहत ईडी को यह अधिकार है कि लगातार तीन बार समन के बाद भी अगर कोई आरोपित पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होता है तो ईडी उसे गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन उसके पास गिरफ्तारी के लिए पुख्ता आधार होने चाहिए।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी एक मामले की सुनवाई के दौरान ईडी को कहा था कि अगर कोई ईडी के समन के बावजूद पूछताछ में उसे सहयोग नहीं कर रहा है तो केवल यह उसकी गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है। गिरफ्तारी तभी हो सकती है जब अधिकारी को यह विश्वास हो कि आरोपित अपराध में संलिप्त है। अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए एक रियल इस्टेट के दो निदेशकों की गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए यह टिप्पणी की थी।

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