साहिबगंज अवैध खनन मामले में सीबीआई की याचिका खारिज, कोर्ट ने इसे बताया गलत, जानें क्यों?
झारखंड हाई कोर्ट ने साहिबगंज अवैध खनन मामले में सीबीआई की याचिका खारिज कर दी। अपनी याचिका में केंद्रीय जांच एजेंसी ने साहिबगंज अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा और धोखा दे चुके ईडी के गवाह विजय हांसदा सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। इस पर बुधवार को सुनवाई हुई। याचिका को गलत बताते हुए इसे खारिज कर दिया गया।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 09 Nov 2023 09:16 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में साहिबगंज अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा और धोखा दे चुके ईडी के गवाह विजय हांसदा सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई हुई।
अदालत ने सीबीआई की याचिका को बताया गलत
अदालत ने सीबीआई की याचिका को गलत बताते हुए याचिका खारिज कर दी। 18 अगस्त को अदालत ने विजय हांसदा के मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया था।
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त साॅलिसिटर जनरल अनिल कुमार ने कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच करने के लिए कोई निर्देश नहीं है इसलिए 18 अगस्त के आदेश में संशोधन की आवश्यकता है।
यह भी पढ़ें: धनबाद के SSP करा सकते हैं मेरी हत्या: विधायक ढुलू महतो ने लगाया आरोप, कहा- अपराध के खिलाफ आवाज उठाने की मिलेगी सजा
अदालत के पहले के आदेश में नहीं संशोधन की जरूरत
इस पर महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि एक बार आपराधिक मामले का निपटारा हो जाने के बाद अदालत कोई भी आदेश पारित नहीं करती है। ऐसे में पहले के आदेश में संशोधन की कोई जरूरत नहीं है।अदालत ने अपने आदेश में 18 अगस्त के आदेश की सीबीआई की ओर से गलत व्याख्या पर नाराजगी जताई। अदालत ने सीबीआई की याचिका को गलत बताते हुए पूर्व के आदेश में संशोधन करने की मांग खारिज कर दी।
पूर्व में अदालत ने विजय हांसदा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए सीबीआई से एससी-एसटी मामले के आरोपित पंकज मिश्रा सहित अन्य के मामले की प्रारंभिक जांच करने को कहा था।अदालत ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद सीबीआई निदेशक को कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया।अदालत ने कहा था कि अगर सीबीआई निदेशक को लगता है कि मामले में आगे जांच करने का कोई कारण नहीं है तो वह उचित आदेश पारित कर सकते हैं।
सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच में ईडी के गवाह मुकेश यादव और अशोक यादव द्वारा दाखिल मामले को सही पाया, जिसमें कहा गया था कि विजय हांसदा ने कभी पंकज मिश्रा के प्रभाव में काम किया था। हाई कोर्ट परिसर में ईडी अधिकारियों के साथ मारपीट का आरोप भी सही है।यह भी पढ़ें: यहां हजारों हिंदू अचानक बन गए मुसलमान! मामला जान सिर पीटने को मजबूर हो जाएंगे आप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।