Move to Jagran APP

अमित अग्रवाल व कोलकाता पुलिस अधिकारियों पर CBI ने दर्ज की प्राथमिकी, पुलिस को गुमराह करने का आरोप

कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल व कोलकाता पुलिस के अज्ञात अधिकारियों के विरुद्ध सीबीआइ की एंटी क्राइम ब्रांच ने आपराधिक साजिश रचने पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज कराने संबंधित धाराओं में बुधवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 20 Jan 2023 01:25 AM (IST)
Hero Image
व्यवसायी अमित अग्रवाल व कोलकाता पुलिस अधिकारियों पर सीबीआइ ने दर्ज की प्राथमिकी
राज्य ब्यूरो, रांची: कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल व कोलकाता पुलिस के अज्ञात अधिकारियों के विरुद्ध सीबीआइ की एंटी क्राइम ब्रांच ने आपराधिक साजिश रचने, पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज कराने संबंधित धाराओं में बुधवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इस प्राथमिकी के आलोक में सीबीआइ दिल्ली की टीम ने आरोपित अमित अग्रवाल के रांची व कोलकाता स्थित ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिसकी जांच होगी।

सीबीआइ ने यह प्राथमिकी झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर पूर्व में हुई सीबीआइ की प्रारंभिक जांच (पीई) में आए तथ्यों के आधार पर दर्ज की गई है। पीई सीबीआइ के एंटी क्राइम ब्रांच नई दिल्ली के इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने की थी और उन्हीं की शिकायत पर यह प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। कांड के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ की उसी शाखा के पुलिस निरीक्षक दिनेश कुमार बनाए गए हैं।

सीबीआइ को लिखित शिकायत में इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बताया है कि झारखंड उच्च न्यायालय के 30 नवंबर के आदेश के आलोक में पांच दिसंबर को प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर अमित अग्रवाल व अन्य के विरुद्ध उन्होंने जांच की थी। 15 दिनों के भीतर सीबीआइ को पीई की जांच रिपोर्ट देनी थी।

हाई कोर्ट का उक्त आदेश व्यवसायी अमित अग्रवाल के उन आरोपों की जांच के लिए था, जिसमें अमित अग्रवाल ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजीव कुमार के विरुद्ध एक जनहित याचिका को मैनेज करने के नाम पर 50 लाख रुपये रिश्वत देने का दावा किया था और आरोप लगाया था कि राजीव कुमार ने न्यायिक पदाधिकारियों, ईडी के अधिकारियों व सरकारी पदाधिकारियों को मैनेज करने के नाम पर उक्त राशि की मांग की थी।

सीबीआइ की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि दस जनवरी को शिव शंकर शर्मा नामक व्यक्ति ने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में यह आरोप लगाया था कि व्यवसायी अमित कुमार अग्रवाल व अन्य ने मिलकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काले धन का विभिन्न शेल कंपनियों में निवेश किया है।

दूसरी जनहित याचिका पिछले साल 16 फरवरी को दाखिल की गई थी, जिसमें हेमंत सोरेन व तत्कालीन खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव पूजा सिंघल पर मुख्यमंत्री व खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटन से संबंधित आरोप लगा था। उन पर यह भी आरोप लगा था कि वन एवं पर्यावरण मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री ने इस लीज के लिए पर्यावरण का क्लियरेंस ले लिया।

हाई कोर्ट ने दोनों ही जनहित याचिका को एक साथ जोड़कर सुनवाई की। सीबीआइ को यह भी पता चला है कि मार्च 2022 में व्यवसायी अमित कुमार अग्रवाल ने रांची के तत्कालीन उपायुक्त के माध्यम से अधिवक्ता राजीव कुमार पर उक्त जनहित याचिकाओं को दबाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया गया। अमित अग्रवाल ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में 31 जुलाई 2022 को अधिवक्ता राजीव कुमार व शिव शंकर शर्मा के विरुद्ध जनहित याचिका मैनेज करने के नाम पर दस करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इसके बाद अमित अग्रवाल ने राजीव कुमार को पहले 13 जुलाई 2022 को रांची से कोलकाता बुलाया और इसके बाद 31 जुलाई को अपने परिचित सोनू अग्रवाल के माध्यम से बुलाया, जहां उन्हें रुपये दिए। दोनों ही मौके पर राजीव कुमार से अमित अग्रवाल के बीच हुई बातचीत को अमित अग्रवाल ने रिकार्ड भी किया।

अमित अग्रवाल ने शिकायत में यह भी कहा कि राजीव कुमार का न्यायिक पदाधिकारियों से बेहतर संपर्क है, जिसके माध्यम से जनहित याचिका मैनेज हो सकता है। इसके एवज में बातचीत के बाद अमित अग्रवाल ने राजीव कुमार को 50 लाख रुपये देकर कोलकाता पुलिस के हाथों पकड़वा दिया। इसके बाद हेयर स्ट्रीट थाने में अमित अग्रवाल की शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में प्राथमिकी दर्ज हुई, जिसमें अज्ञात लोकसेवकों को भी आरोपित किया गया था।

सीबीआइ की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि अमित अग्रवाल ने हेयर स्ट्रीट थाने में जो सूचना दी वह झूठी थी। अधिवक्ता व अमित अग्रवाल के बीच बातचीत में राजीव कुमार ने कहीं भी उसे धमकाया नहीं है बल्कि अमित अग्रवाल ने ही केस मैनेज करने के लिए रुपयों की पेशकश की। उसने राजीव कुमार को कोलकाता बुलाया और 50 लाख रुपये जनहित याचिका खारिज करवाने व लोकसेवकों को मैनेज करवाने के नाम पर दी। अमित अग्रवाल के विरुद्ध ईडी ने भी इसी मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच के दौरान गिरफ्तार किया था। फिलहाल, अमित अग्रवाल जमानत पर है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।