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Ranchi के RIMS अस्पताल में मरीजों को मिलेंगी ये सुविधाएं, सेंट्रल लैब का किया जा रहा है निर्माण

रिम्स के अंतर्गत पैथोलाजिकल जांच की व्यवस्था सुव्यवस्थित करने के लिए एक सेंट्रल लैब की स्थापना की जा रही है। जहां एक ही जगह सैंपल कलेक्शन से लेकर रिपोर्ट देने की व्यवस्था होगी। एक ही काउंटर से मरीज ब्लड से लेकर यूरिन तक के सैंपल दे सकेंगे और उसी काउंटर से जांच रिपोर्ट भी मरीजों को उसी दिन मिल जाएगी।

By Anuj tiwari Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sun, 16 Jun 2024 11:23 PM (IST)
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रांची के रिम्स अस्पताल में बनेगी सेंट्रल लैब
जागरण संवाददाता, रांची। रिम्स के अंतर्गत पैथोलॉजिकल जांच की व्यवस्था सुव्यवस्थित करने के लिए एक सेंट्रल लैब की स्थापना की जा रही है। जहां एक ही जगह सैंपल कलेक्शन से लेकर रिपोर्ट देने की व्यवस्था होगी।

एक ही काउंटर से मरीज ब्लड से लेकर यूरिन तक के सैंपल दे सकेंगे और उसी काउंटर से जांच रिपोर्ट भी मरीजों को उसी दिन मिल जाएगी। रोगियों को अभी रिम्स के चार तल्ले तक का चक्कर लगाकर सैंपल जमा करना पड़ रहा है, जिससे इनकी परेशानी काफी बढ़ जाती है।

एक तो हर तल्ले पर अलग-अलग जांच की सुविधा है और उसके बाद सैंपल देने के लिए अलग-अलग कमरे को मरीज खोजते रहते हैं। प्रबंधन ने फिलहाल इन समस्याओं को दूर करने का खाका तैयार कर लिया है।

एक स्थान पर लैब का निर्माण, आवश्यक उपकरणों की आवश्यकता का आकलन एवं संचालन के लिए अपर प्राध्यापक बायोकेमेस्ट्री विभाग की अपर प्राध्यापक डॉ. अनुपमा प्रसाद और लैब मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अमित को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।

ओपीडी काउंटर के पास बनेगी सेंट्रल लैब

सेंट्रल लैब की स्थापना ओपीडी काउंटर के पास की जाएगी। जो वर्तमान में लैब है, उसे मिलाते हुए पीछे डीएमएस कार्यालय तक निर्माण किया जाएगा। रिम्स पीआरओ डॉ. राजीव रंजन बताते हैं कि इसके साथ ही ग्राउंड फ्लोर में ही पैथोलाजिकल से लेकर रेडियोलाजिकल जांच तक की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

अभी पहले से ही यहां पर अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन, एक्सरे किया जा रहा है। एक्सरे के कुछ पार्ट पहले तल्ले पर है जिसे भी ग्राउंड फ्लोर पर लाया जाएगा।

मालूम हो कि अभी एमआरआइ जांच की सुविधा मरीजों को रिम्स में नहीं मिल पा रही है, जिसके लिए इन्हें पीपीपी मोड पर संचालित एजेंसी के यहां रिम्स भवन से बाहर बढ़ी कीमत पर जांच करानी पड़ती है, जहां पर किसी भी वर्ग के मरीजों को एजेंसी कोई निश्शुल्क सुविधा नहीं दे रही है।

रिम्स छात्रों को अब बनाना होगा बायोमीट्रिक अटेंडेंस

रिम्स के छात्रों को भी अब बायोमीट्रिक अटेंडेंस बनाना अनिवार्य होगा। रिम्स में छात्रों की सही उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सभी लेक्चर थिएटर में 10 बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएगी। एमबीबीएस, बीडीएस और नर्सिंग के छात्रों को इसी के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी।

यह मशीनें लगने से प्राक्सी उपस्थिति भी कम होगी और छात्रों को भी भविष्य में दिक्कत नहीं होगी। लेकिन कक्षा बंक करने वालों को परेशानी बढ़ जाएगी।

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