Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Champai Soren: 'हेमंत बाबू को 5 वर्ष के लिए...', मंत्री बनते ही चंपई सोरेन का बड़ा बयान; CM पद को लेकर कही ये बात

चंपई सोरेन को हेमंत सोरेन की कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। चंपई सोरेन को सीएम पद से हटाए जाने पर खूब सियासत हुई। अब चंपई सोरेन ने खुद इसपर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में जनता ने हेमंत बाबू को पांच वर्ष के लिए जनादेश दिया था लेकिन ऐसी राजनीतिक स्थिति लाई गई कि बीच में ही नेतृत्व परिवर्तन कर उन्हें मुझे मुख्यमंत्री बनाना पड़ा।

By Neeraj Ambastha Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 09 Jul 2024 07:32 AM (IST)
Hero Image
झारखंड कैबिनेट में मंत्री चंपई सोरेन। (फोटो- ANI)

राज्य ब्यूरो, रांची। Champai Soren मंत्री चंपई सोरेन ने हेमंत सरकार द्वारा विश्वास मत हासिल किए जाने के बाद विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका मुख्यमंत्री के रूप में पांच माह का कार्यकाल आइने की तरह साफ रहा। मंत्रिमंडल में स्थान मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह झारखंड मुक्ति मोर्चा और महागठबंधन का विषय है।

'2019 के चुनाव में राज्य की जनता ने...'

विधानसभा चुनाव नजदीक होने के बाद भी नेतृत्व परिवर्तन के सवाल पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के चुनाव में राज्य की जनता ने हेमंत बाबू को पांच वर्ष के लिए जनादेश दिया था, लेकिन ऐसी राजनीतिक स्थिति लाई गई कि बीच में ही नेतृत्व परिवर्तन कर उन्हें मुझे मुख्यमंत्री बनाना पड़ा।

उन्होंने कहा कि अब जब जमानत के बाद हेमंत सोरेन हमारे बीच हैं तो स्वाभाविक रूप से उन्हें ही मुख्यमंत्री होना चाहिए।

इससे पहले उन्होंने सदन में सरकार के समर्थन में बोलते हुए कहा कि जो लोग डेमोग्राफी बदलने की बात कह रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि राज्य में आदिवासी कम हो रहे हैं। भाजपा ने लंबे समय तक शासन किया, लेकिन राज्य में कोई बदलाव नहीं आया।

हेमंत सोरेन ने 45-00 से जीता विश्वास मत

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आसानी से बहुमत साबित कर दिखाया। विश्वास मत के दौरान उनके समर्थन में कुल 45 विधायकों के मत पड़े। खास बात यह रही कि बोरियो से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक लोबिन हेम्ब्रम और बिशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने भी उनके पक्ष में मतदान किया।

दोनों विधायकों को झामुमो ने अनुशासनहीनता के आरोपों में निलंबित कर रखा है। मनोनीत विधायक जीजे गाल्सटिन भी सरकार के पक्ष में रहे। उधर जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक किसी पक्ष के साथ खड़े नहीं हुए। सरकार के विरोध में शून्य वोट मिले।

ये भी पढ़ें- Jharkhand Politics: विधानसभा में इन मुद्दों पर हुई चर्चा, नेता प्रतिपक्ष ने मांग लिया जवाब

ये भी पढे़ं- CM बनते ही बढ़ी हेमंत सोरेन की मुश्किलें, जमानत रद्द कराने SC पहुंची ED