Champai Soren : '2.87 लाख नियुक्तियां कराएंगे', चुनावी दौर में चंपई सोरेन का दावा; बताया अपना असली मकसद
Champai Soren झारखंड में विधानसभा चुनावों की तारीखें सामने आ गई हैं। ऐसे में गुलाबी ठंड का मौसम आने से पहले ही सियासी गर्मी बढ़ने लगी है। इसी क्रम में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार प निशाना साधते हुए बड़ा दावा किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से युवाओं को लुभाया।
राज्य ब्यूरो, रांची। Champai Soren : पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने एक्स पोस्ट के जरिए युवाओं को संदेश दिया है। बुधवार को उन्होंने कहा कि अपने बेदाग राजनीतिक सफर में हमने हमेशा युवाओं, छात्रों, महिलाओं एवं बड़े-बुजुर्गों समेत समाज के सर्वांगीण विकास के लिए काम किया है।
सोरेन ने कहा कि मुद्दों-शिकायतों को सुनने तथा उनका समाधान तलाशने प्रयास करता हूं। हमारे कार्यकाल में दर्जनों डिग्री कॉलेज, पॉलीटेक्निक तथा अन्य शिक्षण संस्थानों का निर्माण शुरू किया गया था।
मुझे भी निराश किया : सोरेन
हमारे अल्पकालिक कार्यकाल के दौरान शुरू की गई विभिन्न नियुक्ति प्रक्रियाओं को रोकने की जद्दोजहद ने ना सिर्फ आपको, बल्कि मुझे भी निराश किया है।
भाजपा में जब हम परिवर्तन की बात करते हैं, तब हमारा मकसद सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था में परिवर्तन लाना है।
हम लोग एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, जहां क्लर्क से लेकर सीएम तक हर कोई आपकी शिकायतों को सुने एवं पूरी ईमानदारी के साथ उस पर कार्रवाई करे।
पेपर लीक और भ्रष्टाचार को कोई स्थान नहीं रहेगा : चंपई
हम एक ऐसी सरकार बनाएं जो कैलेंडर बनाकर पारदर्शिता से सभी नियुक्ति प्रक्रियाओं को पूरा करवाएगी। पेपर लीक एवं भ्रष्टाचार (Paper Leak and Corruption) का कोई स्थान ना रहे।
भाजपा की सरकार आने के तुरंत बाद 2.87 लाख नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पांच लाख युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
आदिवासी समाज को सतर्क होने की दी थी सलाह
इससे पहले चंपई सोरेन (Champai Soren) ने इसी महीने के पहले सप्ताह में आदिवासियों और बांग्लादेशियों की घुसपैठ (Bangladeshis infiltration) का मुद्दा उठाया था। उन्होंने जामताड़ा में बरसते हुए आंखें फोड़ने तक की बात कही दी थी।
उनका कहना था कि आदिवासी बहू-बेटी पर बुरी नजर डालने वालों की आंखें फोड़ दो। उन्होंने धर्मांतरण, लव-जिहाद (Love Jihad) और लैंड-जिहाद (Land Jihad) के मुद्दे को भी हवा दी थी।
चंपई ने कहा था कि आदिवासी समाज के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। उसे अपने हक के लिए लड़ना होगा। उनका कहना था कि सतर्क नहीं रहने पर समाज का अस्तित्व मिट जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आदिवासियों से अपनी परंपराओं को संजोकर रखने की अपील भी की थी। साथ ही कहा था कि इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाएं।
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