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Champai Soren: चंपई सोरेन रांची लौटे, घर पहुंचते ही भेजा इस्तीफा; अब ये है आगे की रणनीति

झारखंड की सियासत पर इस वक्त पूरे देश की नजर है। पूर्व सीएम चंपई सोरेन 30 अगस्त को भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इसी तरह झामुमो के साथ उनकी लंबी पारी को अब विराम लग गया है। चंपई बुधवार को दिल्ली से रांची लौट गए हैं। रांची लौटने के बाद सबसे पहले उन्होंने शिबू सोरेन को अपना इस्तीफा भेजा है।

By Ashish Jha Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 28 Aug 2024 07:55 PM (IST)
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झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Politics News पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन बुधवार को नई दिल्ली से सीधे राजधानी रांची लौट आए हैं। इसके साथ ही संशय का दौर समाप्त हो गया है, जिसके तहत लोग अटकलें लगा रहे थे कि उनकी आगे की रणनीति क्या होगी।

उन्होंने आते ही पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शुक्रवार, 30 अगस्त को वो विधिवत भाजपा में शामिल हो जाएंगे। 

रांची में अपने आवास पर पहुंचने के बाद उन्होंने पहला काम यही किया और इस्तीफा भेज दिया। जानकारी के अनुसार, उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता और राज्य कैबिनेट से एक साथ इस्तीफा भेज दिया है। ज्ञात हो कि गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक है, जिसमें चंपई मौजूद नहीं रहेंगे।

चंपई सोरेन का मंत्री पद से इस्तीफा

दूसरी ओर, झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने मंगलवार को चंपई से पुनर्विचार का आग्रह कर सबको चौंका दिया था। माना जा रहा है कि उन्होंने यह बयान एक रणनीति के तहत दी है, जिससे जनता के बीच संदेश जाए कि उन्हें झामुमो में रोकने की आखिरी दम तक कोशिश की गई।

चंपई सोरेन ने लिखा भावुक पत्र 

पूर्व मुख्यमंत्री ने इस्तीफा देते हुए बहुत ही भावुक पत्र लिखा। पत्र में लिखा कि मैं चंपई सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा की वर्तमान कार्यशैली एवं नीतियों से विक्षुब्ध होकर, पार्टी छोड़ने को विवश हूं।

अत्यंत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आपके मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, एवं जिसके लिए हम लोगों ने जंगलों, पहाड़ों एवं गांवों की खाक छानी थी, आज पार्टी अपनी उस दिशा से भटक चुकी है।

झामुमो मेरे लिए एक परिवार जैसा रहा एवं मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इसे छोड़ना पड़ेगा। लेकिन पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम की वजह से, मुझे बहुत ही पीड़ा के साथ यह कठिन निर्णय लेना पड़ा रहा है।

आपके वर्तमान स्वास्थ्य की वजह से, आप सक्रिय राजनीति से दूर हैं, तथा आपके अलावा पार्टी में ऐसा कोई फोरम नहीं है, जहां हम अपनी मन की पीड़ा को बता सकें। इस वजह से, मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।

आपके मार्गदर्शन में, झारखण्ड आंदोलन के दौरान तथा उसके बाद भी, मुझे जीवन में बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है। आप सदैव मेरे मार्गदर्शक बने रहेंगे। अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें।

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