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Champai Soren: कैसे हेमंत सोरेन के 'भरोसेमंद सिपहसालार' ने गरमा दी झारखंड की सियासत, राजनीतिक घटनाक्रम का A To Z

Jharkhand Crisis Champai Soren झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को लेकर प्रदेश में सियासी माहौल गर्म है। खुद चंपई ने झारखंड मुक्ति मोर्चा से अलगाव की वजह बताते हुए एक पत्र लिखा है। हालांकि अभी भी यह बात साफ होना बाकी है कि चंपई झामुमो को छोड़कर किस दल में कब शामिल होते हैं। आइए जानते हैं चंपई के झामुमो से अलगाव के पीछे की पूरी कहानी।

By Yogesh Sahu Edited By: Yogesh Sahu Updated: Mon, 19 Aug 2024 05:47 PM (IST)
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Champai Soren: झामुमो का साथ छोड़ने के चंपई सोरेन के फैसले से झारखंड में सियासी हलचल तेज है।

जागरण टीम, रांची। Champai Soren : झारखंड में इस समय सियासी हलचल बढ़ी हुई है। इसके पीछे का कारण पूर्व मुख्यमंत्री और सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की सरकार में मंत्री चंपई सोरेन का झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़ने का फैसला है। सियासी गलियारों में उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा भी जोरों पर है।

ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो चंपई सोरेन को झामुमो (JMM Crisis) छोड़ना पड़ रहा है। कब और कैसे मन में वो खटास पैदा हुई, जिसका दर्द स्वयं चंपई सोरेन ने अपने एक्स हैंडल पर की गई एक पोस्ट के माध्यम से साझा किया है। आइए आपको बताते हैं पूरी सियासी कहानी...

ट्रेंड में बने हुए हैं चंपई सोरेन

Jharkhand news : झारखंड में चंपई सोरेन के झामुमो (JMM) से अलगाव की खबर सामने आने के बाद से ही उनका नाम गूगल ट्रेंड में चल रहा है। लोग उनके और प्रदेश के ताजा सियासी हालात (Jharkhand politics news) के बारे में जानना चाहते हैं।

ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि इस पूरे घटनाक्रम पर एक नजर डाली जाए। साथ ही इसके पीछे की हलचल को समझा जाए।

कहां से शुरू हुई चंपई सोरेन की कहानी?

चंपई सोरेन सरायकेला विधानसभा क्षेत्र (Seraikela Assembly Constituency) से विधायक हैं। वह साल 1991 से अब तक विधायक चुने जाते रहे हैं।

इस समय हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री हैं। उन्होंने अभी अपना इस्तीफा नहीं दिया है। चंपई को हेमंत सोरेन का करीबी माना जाता रहा है।

चंपई सोरेन का नाम तब सबसे ज्यादा चर्चा में आया, जब इसी साल जनवरी महीने में हेमंत सोरेन (Hemant Soren News) के जेल जाने पर झारखंड सरकार पर संकट के बादल छाए हुए थे।

हेमंत के इस्तीफा देने पर तमाम सियासी अटकलों (Champai Soren BJP) के बाद चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया था।

मुख्यमंत्री बनने से नाराजगी तक क्या कुछ हुआ?

1. दरअसल, हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर, 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वह 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तारी होने तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

2. हेमंत सोरेन के खिलाफ किस मामले में जांच शुरू हुई?

  • हेमंत सोरेन के विरुद्ध जांच की शुरूआत वर्ष 2022 में हुई, जब उनके विरुद्ध भाजपा (BJP News) ने पत्थर खनन का लीज लेने का आरोप लगाया। इसमें राज्यपाल ने लाभ का पद का मामला बताते हुए चुनाव आयोग को पत्र भेजा।

  • इसकी सुनवाई चली और आयोग ने अपनी सिफारिश भेजी। अभी तक आयोग की क्या सिफारिश थी, वह स्पष्ट नहीं हो पाया। अब यह मामला ठंडे बस्ते में है।

  • 2022 में ही पहली बार हेमंत सोरेन को पहली बार ईडी ने पूछताछ के लिए समन भेजा था। आरोप था कि उन्होंने जमीन का गलत तरीके से लेनदेन करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग की है।

  • वे ईडी के समक्ष उपस्थित हुए। अलग-अलग तिथि पर समन जारी करने का सिलसिला चलता रहा। कई समन पर उपस्थित नहीं होने के बाद ईडी ने गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाया।

3. हेमंत सोरेन ने कब इस्तीफा दिया?

  • हेमंत सोरेन ने इसी वर्ष 31 जनवरी को इस्तीफा दिया था।

4. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद किस-किस नेता का नाम झारखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए आया?

  • हेमंत के इस्तीफे के बाद कुछ नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में आए। इनमें हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, चम्पाई सोरेन का नाम प्रमुख था।

5. चंपई का नाम सीएम पद के लिए क्यों फाइनल हुआ?

  • चंपई सोरेन वरीय थे, वह सोरेन परिवार के सबसे ज्यादा विश्वस्त थे। ऐसे में झारखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम पर अंतिम रूप से मुहर लगी।

6. चंपई ने कब शपथ ली?

  • हेमंत के इस्तीफे के बाद करीब दो दिन की सियासी हलचल के बीच 2 फरवरी, 2024 को चंपई सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली। वह 3 जुलाई 2024 तक झारखंड के मुख्यमंत्री बने रहे।

7. चंपई ने शपथ लेने के बाद सबसे पहला फैसला क्या लिया?

  • अपने कार्यकाल में चंपई सोरेन ने कोई ऐसा बड़ा नीतिगत फैसला नहीं लिया। सामान्य तरीके से शासन चलाते रहे।

8. हेमंत सोरेन को कब जमानत मिली?

  • हेमंत सोरेन को गिरफ्तारी के बाद बीती 26 जून, 2024 को कोर्ट से जमानत मिल गई।

9. हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए तो चंपई ने कब सीएम पद से इस्तीफा दिया?

  • बीते माह तीन जुलाई को विधायक दल की बैठक में चंपई सोरेन से इस्तीफा मांगा गया।

10. हेमंत ने कब दोबारा सीएम पद की शपथ ली?

  • हेमंत सोरेन ने जेल से बाहर आने के बाद चार जुलाई, 2024 को उन्होंने एक बार फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।

11. इन घटनाओं के बीच चंपई की नाराजगी कब शुरू हुई?

  • चंपई सोरेन (Champai Soren News) की नाराजगी बीते रोज 18 अगस्त को खुलकर सामने आई। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट के माध्यम से अपनी बातें रखीं।

  • इससे पहले वे हेमंत सोरेन की तारीफ से भाषण आरंभ करते थे और प्रशंसा के पुल बांधते हुए भाषण का समापन करते थे।

चंपई सोरेन के बारे में यूं सर्च कर रहे लोग

झारखंड के पूर्व सीएम से जुड़ी जानकारी (Champai Soren News) को लोग गूगल में सर्च कर रहे हैं। इसके लिए वे नीचे दिए स्क्रीनशॉट में लिख कीवर्ड को इस्तेमाल कर रहे हैं।

चंपई ने सियासी अटकलों पर लगाई मुहर

झारखंड में पिछले कुछ दिनों से सियासी गलियारों में चल रही अटकलों पर रविवार को तब मुहर लग गई, जब चंपई सोरेन ने आधिकारिक वक्तव्य जारी किया।

उन्होंने अपनी नाराजगी और आहत होने की वजह अपने एक्स हैंडल पर बताते हुए मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के घटनाक्रम का उल्लेख किया। चंपई ने वो कारण भी बताए, जिनकी वजह से उन्होंने अलग राह चुनने का फैसला लिया।

  • रविवार रात चंपई सोरेन ने एक पत्र जारी किया। यह उनके आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट हुआ।

  • इसमें उन्होंने लिखा कि लगातार अपमान और तिरस्कार के कारण वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए विवश हूं।

  • उन्होंने लिखा कि हूल दिवस के अगले दिन, मुझे पता चला कि अगले दो दिनों के मेरे सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया है। इसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था, जबकि दूसरा कार्यक्रम पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था।

  • सोरेन ने लिखा कि पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा 3 जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है, तब तक आप सीएम के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते।

  • उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के किसी सदस्य को शामिल करने या संगठन को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने का उनका इरादा नहीं है।

  • चंपई ने लिखा कि मैंने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज उठाई और झारखंड आंदोलन तक हमेशा जनसरोकार की राजनीति की है।

  • उन्होंने आगे कहा कि किसी भी पद पर रहा अथवा नहीं, लेकिन हर पल जनता के लिए उपलब्ध रहा। लोगों के मुद्दे उठाता रहा।

  • 31 जनवरी को एक अभूतपूर्व घटनाक्रम के बाद इंडिया गठबंधन ने मुझे झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की सेवा करने के लिए चुना था।

  • अपने कार्यकाल के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन (तीन जुलाई) तक मैंने पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ कर्तव्यों का निर्वहन किया। यहां पढ़ें चंपई सोरेन का पूरा पत्र

बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान चंपई ने अपने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या किसी और दल में शामिल होने को लेकर कोई साफ-साफ बात नहीं कही। बस इतना जरूर कहा कि सारे विकल्प खुलें हैं।

एक खबर यह भी आई कि सोमवार (19 अगस्त 2024) को वह केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर सकते हैं। चंपई सोरेन अभी दिल्ली में ही हैं। ऐसे में उनके भाजपा में जाने की अटकलें और तेज हो गईं।

झारखंड भी आया सर्च टॉपिक में

सियासी घटनाक्रम तेज होने के साथ झारखंड भी गूगल सर्च में आ गया। टॉप ट्रेंड की बात करें तो भारत में जिन राज्यों के बारे में सर्च किया जा रहा था, उसमें झारखंड पहले नंबर पर था।

इसके बाद दूसरे नंबर पर बिहार, तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश और चौथे और पांचवें नंबर पर क्रमश: राज्स्थान और मध्यप्रदेश रहे।

24 घंटे से ट्रेंड में बने हुए हैं चंपई सोरेन

गूगल सर्च ट्रेंड पर गौर करें तो बीते 24 घंटे से चंपई सोरेन (jharkhand chief minister champai soren) ट्रेंड में बने हुए हैं। हालांकि, ट्रेंड का ग्राफ देखने पर पता चलता है कि एक बार सर्च में कमी जरूर आई थी। परंतु, थोड़े समय बाद ही चंपई सोरेन कीवर्ड (jharkhand champai soren) दोबारा से ट्रेंड करने लगा।

चंपई के जीवन पर एक नजर

  • चंपई सोरेन (champai soren news) का जन्म सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के गम्हरिया प्रखंड के जिलिंगगौड़ा में हुआ था।

  • वह पेशे से किसान हैं और उन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है। उनकी सात संतानें हैं।

  • सोरेन के पास दो करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। यहां पढ़ें पूरी खबर

सुर्खियों में रहे हैं चंपई

jharkhand news : चंपई सोरेन पहले भी सुर्खियों में (Champai Soren Joining BJP) रहे हैं। दरअसल, साल 2023 में झारखंड सरकार के परिवहन विभाग के वरीय अधिकारी और चंपई के बीच विवाद हुआ था। अफसर ने नागालैंड में निबंधित वाहनों पर कार्रवाई का आदेश दिया था।

इससे नारज मंत्री चंपई नाराज हो गए थे। उन्होंने मंत्री के तौर पर सभी फाइलें अपने पास मंगाईं और राज्य परिवहन आयुक्त को सिर्फ दैनिक कार्य निपटाने का निर्देश दिया था। इस विवाद को हेमंत सोरेन ने आगे आकर शांत कराया था।

(इनपुट: नोएडा से योगेश कुमार साहू, रांची से प्रदीप कुमार सिंह। सभी ग्राफिक्स: योगेश कुमार साहू)

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