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BJP में शामिल होते ही हेमंत से बदले की तैयारी, चंपई सोरेन का पूरा प्लान सेट; मरांडी को बुलाया गया दिल्ली

भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व सीएम चंपई सोरेन क्या क्या करेंगे? इसका प्लान सेट हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक चंपई सोरेन भाजपा में शामिल होने के बाद राज्य भर का दौरा करेंगे। इस दौरान वह आदिवासी समाज से संवाद भी करेंगे। बता दें कि चंपई सोरेन ने कुछ दिनों पहले झामुमो से अलग होने का एलान किया था।

By Dibyanshu Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 27 Aug 2024 07:09 PM (IST)
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पूर्व सीएम चंपई सोरेन और सीएम हेमंत सोरेन। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, रांची। पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के बड़े नेता रहे चंपई सोरेन 30 अगस्त को भाजपा में शामिल हो जाएंगे। इसके बाद वो कोल्हान और संताल परगना का दौरा करेंगे।

भाजपा उनके कार्यक्रम का आयोजन कर आदिवासी समाज को संदेश देगी। भाजपा में मिले सम्मान और झामुमो में अपने साथ हुए अपमान का मुद्दा उठाकर चंपई सोरेन आदिवासी समाज को संबोधित करेंगे।

इसके अलावा आदिवासी समाज को बंगलादेशी घुसपैठ से होने वाले सांस्कृतिक-सामाजिक-राजनीतिक नुकसान पर भी चंपई सोरेन मुखरता से अपनी बात रखेंगे।

भाजपा विधायक दल के नेता अमर कुमार बाउरी ने उनके भाजपा में शामिल होने की सूचना पर शुभकामना दी है और उन्हें आदिवासी समाज का बड़ा नेता बताया है। इससे जाहिर है कि भाजपा को आदिवासी वोटरों को चंपई सोरेन के जरिए साधने का एक बड़ा हथियार मिल गया है।

कोल्हान में भाजपा को साधना होगा संतुलन

चंपई सोरेन कोल्हान क्षेत्र से आते हैं। इसी क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी आते हैं जो भाजपा के बड़े नेता हैं। चंपई सोरेन की पारंपरिक विधानसभा सीट सरायकेला पर भाजपा उन्हें लगातार चुनौती देती रही है। यहां से पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गणेश महली मामूली अंतर से चंपई सोरेन से हारे थे।

इसके अलावा रमेश हांसदा जैसे भाजपा नेता भी चंपई सोरेन के आने से असहज होंगे। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा कोल्हान की सभी सीट हार गई थी।

अब चंपई सोरेन के जरिए पार्टी अपने जनाधार में बढ़ोतरी की सोच रही है। लेकिन इससे भाजपा का अपना शक्ति संतुलन भी प्रभावित होगा। प्रदेश नेतृत्व को इसे रोकने के लिए जोरदार प्रयास करना होगा।

केंद्र के बुलावे पर बाबूलाल मरांडी गए दिल्ली

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी मंगलवार को रांची से दिल्ली के लिए रवाना हुए। चंपई सोरेन की अमित शाह से मुलाकात होते ही उन्हें केंद्रीय नेतृत्व का बुलावा आया।

मरांडी दिल्ली में 30 अगस्त को चंपई सोरेन की भाजपा में ज्वाइनिंग समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे। विधानसभा चुनाव से पहले चंपई सोरेन के आने से पार्टी पर होने वाले प्रभाव से भी वो पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराएंगे।

संताल और कोल्हान में चंपई के आने से पड़ सकता है प्रभाव

चंपई सोरेन संताल जनजाति से आते हैं। इस आदिवासी समाज की जनसंख्या संताल परगना और कोल्हान क्षेत्र में सबसे ज्यादा है। भाजपा चंपई सोरेन को लेकर इन दोनों क्षेत्रों में अपना प्रचार केंद्रित करेगी।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े लोगों का कहना है कि चंपई सोरेन के परिवार से किसी को विधानसभा चुनाव में टिकट देने की कोई बात नहीं हुई है। इधर एक बयान में चंपई सोरेन ने कहा है कि उनका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह में भरोसा बढ़ा है। इसलिए वो भाजपा में अपने बेटे के साथ शामिल हो रहे हैं।

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