Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण के कुप्रभाव से बचाती है चांदी, ऐसे करना चाहिए इस्तेमाल
Lunar Eclipse Tuesday 8 November 2022 चंद्रमा और राहु के संयाेग के कारण होने वाले इस चंद्र ग्रहण में चांदी धातु की क्या भूमिका है? चंद्रमा और राहु को चांदी किस तरह से नियंत्रित करती है? यह जानना बेहद दिलचस्प होगा। इन तीनों का एक दूसरे से गहरा संबंध है।
By M. EkhlaqueEdited By: M EkhlaqueUpdated: Mon, 07 Nov 2022 04:56 PM (IST)
रांची, डिजिटल डेस्क। भारत समेत दुनिया के कई देशों में मंगलवार, 8 नवंबर 2022 को चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse, Tuesday, 8 November 2022) लग रहा है। चूंकि यह साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण है, इसलिए इसे देखने के लिए दुनिया भर की निगाहें प्रतीक्षारत हैं। मंगलवार शाम 5:07 बजे से शाम 6:18 बजे तक झारखंड की राजधानी रांची में आप इस चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2022) देख सकते हैं। इसी समय आप इस अद्भुत खगोलीय घटना को जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग, पलामू, गढ़वा, बोकारो, कोडरमा, चाईबासा, सरायकेला खरसावां, दुमका, गिरिडीह आदि जिलों में भी देख सकते हैं। झारखंड से सटे बिहार में यह अद्भुत नजारा आप शाम 5:05 बजे से शाम 6:18 बजे तक देख सकते हैं। खगोल विज्ञानियों की मानें तो भारत में यह चंद्र ग्रहण शाम 4.23 बजे से 6.19 बजे तक के बीच विभिन्न राज्यों में देखा जाएगा। यानी भारत में सबसे पहले यह मंजर ईटानगर में देखने को मिलेगा। चूंकि यहां चंद्रमा का उदय सबसे पहले होता है।
Lunar Eclipse 2022: राहु और चंद्रमा ग्रह को नियंत्रित करती है चांदी
धर्म शास्त्रों के मुताबिक चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) के दौरान राहु और चंद्र का संयोग होता है। इन दोनों को ग्रहों को चांदी नियंत्रित करता है। इसलिए चंद्र ग्रहण के दौरान चांदी का सेवन अथवा उपयोग लाभदायी माना गया है। चांदी चंद्र ग्रहण के सभी कुप्रभावों से इंसान की रक्षा करने में सक्षम होता है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि राहु जो है, वह इंसान के ब्रेन में सक्रिय तरंगों को प्रभावित करता है। यह न्यूरल कनेक्शन पर असर डालता है। आपने अक्सर देखा होगा कि राहु ग्रह से प्रभावित लोग बैठे-बैठे हाथ अथवा पैर हिलाते रहते हैं। ऐसे लोगों को कई बार बड़े बुजुर्ग टोकते भी हैं कि हाथ मत हिलाइए, पैर मत हिलाइए। ऐसा इसलिए होता है कि राहु इंसान के ब्रेन को प्रभावित करता है।
Chandra Grahan 2022: चंद्रमा का पानी और पानी का मनुष्य से यह संबंध एक बात और ध्यान देना चाहिए। धर्म शास्त्र बताते हैं कि चंद्रमा मनुष्य के मन और पानी का कारक है। चंद्रमा पानी को अपनी ओर ज्यादा खींचता और फेंकता है। यही वजह है कि पूर्णिमा और अमावस्या की रात समुद्र में अन्य दिनों की तुलना में लहरें ज्यादा उठती हैं। साइंस के हिसाब से भी यह घटना चंद्रमा के कारण ही होती है। अब इसे मनुष्य से जोड़ कर देखा जाना चाहिए। मनुष्य के शरीर का दो तिहाई हिस्सा पानी है। वहीं हर मनुष्य के ब्रेन में पानी की मात्रा अधिक होती है। सृष्टि में जितने भी ग्रह मौजूद हैं, सभी मनुष्य के शरीर पर प्रभाव डालते हैं। इसमें चंद्रमा और राहु ग्रह भी शामिल हैं।
Lunar Eclipse 2022: चंद्र ग्रहण पूर्व चांदी का ऐसे करना चाहिए इस्तेमाल चंद्र ग्रहण से पूर्व हमें चांदी को दस गिलासा पानी में उबाल लेना चाहिए। इतना उबालना चाहिए कि वह एक गिलास पानी में बदल जाए। इसके बाद किसी काठ के पटरी या घर में इस्तेमाल होने वाले लकड़ी के पीढ़ा पर खड़ा होकर चुस्की लेते हुए आहिस्ता आहिस्ता पीना चाहिए। यदि घर में चांदी उपलब्ध नहीं हो तो मिठाई पर इस्तेमाल होनेवाले चांदी के वर्क को भी आप भोजन के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। हां, ध्यान यह रखना चाहिए कि वयस्क इंसान को 10 गुने 5 सेंटीमीटर का ही वर्क खाना चाहिए। इससे ज्यादा नहीं। पांच साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को एक चौथाई मात्रा में यह इस्तेमाल करना चाहिए। चांदी ब्रेन की क्षमता बढ़ाने में मददगार मानी जाती है। आपने देखा होगा, सुना होगा कि राजा महाराजा चांदी का सेवन किया करते थे। यानी हमारी संस्कृति का यह हिस्सा भी रहा है। ऐसा करने से आप चंद्र ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणों के कुप्रभाव से बच सकते हैं।
Chandra Grahan भारत में सबसे पहले कहां दिखेगा? जानें क्या करें और क्या नहीं । Chandra Grahan 2022
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