पिता ट्रक ड्राइवर...गरीबी में काटे दिन, जानें कौन हैं ISRO के साइंटिस्ट सोहन, कड़ी संघर्ष के बाद पाया मुकाम
Chandrayaan-3 Successful Landing चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर उतर कर इतिहास रच दिया है। देश की इस उपलब्धि का जश्न हर देशवासी मना रहा है। हालांकि इसे अंजाम देने के पीछे पिवैज्ञानिकों की एक पूरी टीम हैं जिन्होंने दिन-रात कड़ी मेहनत कर यह मुकाम पाया। इस टीम में झारखंड के साइंटिस्ट सोहन यादव भी हैं जिनके संघर्ष की कहानी युवाओं को प्रेरित करती रहेगी।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 24 Aug 2023 09:37 AM (IST)
जासं, रांची। Chandrayaan-3 Successful Landing: भारत के चंद्रयान-3 उपग्रह ने विक्रम लैंडर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर इतिहास रच दिया है। इसी के साथ भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन ने ऐसा कर दिखाया है। बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर जैसे ही चांद पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग हुई, तो हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
सोहन ने मशहूर कवि सोहनलाल द्विवेदी की लिखी कविता की उन पंक्तियों को सच कर दिखाया जिसमें लिखा गया था-
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
सोहन यादव की मेहनत ने मनवाया लोहा
चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न देश और दुनिया के कोने-कोने में मनाया गया। इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के कंट्रोल रूम से इसका सीधा प्रसारण किया गया। वैज्ञानिकों की टीम चंद्रयान-3 की आखिरी मिनट की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए थी।चांद पर उपग्रह की लैडिंग होने के साथ पूरा कंट्रोल रूम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। आखिरकार सालों की मेहनत का फल वैज्ञानिकों की पूरी टीम को मिला। इसी टीम में झारखंड के सोहन यादव भी हैं, जिनके कुछ कर गुजरने का जुनून लाखों भारतीय युवाओं को सदियों प्रेरणा देता रहेगा।
चुनौतियों का सामना करते हुए हासिल की कामयाबी
सोहन रांची के तोरपा क्षेत्र के तपकरा गांव के रहने वाले हैं। इसरो में वह आर्बिटर इंटिग्रेशन और टेस्टिंग टीम में शामिल हैं। सोहन मिशन गगनयान से भी जुड़े हैं। हालांकि, इतनी कम उम्र में इतनी कामयाबी हासिल करना सोहन के लिए आसान नहीं रहा। उन्हें अपने रास्ते कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।सोहन के पिता हैं ट्रक ड्राइवर
सोहन के पिता घुरा यादव पेशे से एक ट्रक ड्राइवर हैं और मां गृहिणी हैं। सोहन ने अपनी प्राथमिक शिक्षा तपकरा स्थित शिशु मंदिर में हासिल की। यहां उन्होंने पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई की है।इसके बाद उन्होंने नवोदय विद्यालय दसवीं पास की और फिर बरियातू के DAV से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। सोहन अपने परिवार में चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। पिता आर्थिक रूप से उतने समृद्ध नहीं थे कि वह सोहन की पढ़ाई का खर्च उठा सके। हालांकि, सोहन ने भी गरीबी को कभी अपने सपनों के रास्ते आने नहीं दिया।
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