झारखंड में कैबिनट विस्तार से पहले बढ़ी हचलच, कांग्रेस प्रभारी दिल्ली रवाना; इन चेहरों को आउट करने की तैयारी
झारखंड में मंत्रिमंडल के विस्तारीकरण में कांग्रेस को एक बार फिर चार सीटों पर ही दावा बन रहा है लेकिन पार्टी हर मोर्चे पर हेमंत सोरेन का साथ देने के आधार पर एक और सीट पर दावेदारी कर सकती है। इस बात की प्रबल संभावना है कि पिछली सरकार मे शामिल रहे चार मंत्रियों में एक या दो को नई टीम में जगह नहीं मिल सकती है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में मंत्रिमंडल के विस्तारीकरण में कांग्रेस को एक बार फिर चार सीटों पर ही दावा बन रहा है, लेकिन पार्टी हर मोर्चे पर हेमंत सोरेन का साथ देने के आधार पर एक और सीट पर दावेदारी कर सकती है। इस बात की प्रबल संभावना है कि पिछली सरकार मे शामिल रहे चार मंत्रियों में एक या दो को नई टीम में जगह नहीं मिल सकती है।
इस बीच संभावित मंत्रियों के नाम के साथ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर आलाकमान के पास गए हैं और वहां से अनुमति मिलने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा को अधिकृत तौर पर जानकारी दी जाएगी। इसी आधार पर 16 फरवरी को मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। ज्ञात हो कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के संभावित मंत्रियों के नाम तय हो चुके हैं और कांग्रेस से सूची मिलते ही शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा।
पुराने चेहरों को कैबिनेट से आउट कर सकती है पार्टी
कांग्रेस की ओर से सर्वप्रथम शपथ ग्रहण करने वाले आलमगीर आलम हैं, लेकिन सभी पुराने चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह देने के मूड में कांग्रेस नहीं है। एक-दो मंत्रियों के खिलाफ शिकायतें बढ़ रही थीं और माना जा रहा है कि उन्हें इस बार ड्रॉप किया जाएगा।महत्वपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस का एक वर्ग मंत्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसका आधार विधायकों की संख्या का बढ़ना ही माना जा रहा है। कई विधायक इसके लिए प्रयासरत हैं। वे नियमित तौर पर रांची से लेकर दिल्ली तक के नेताओं से संपर्क में हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी इस संदर्भ में झामुमो नेतृत्व से बात भी कर सकते हैं।
उनकी बात होने के बाद ही आगे की रणनीति तय होगी। नए मंत्रियों के नाम पर पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल का निर्णय अहम होगा।
शिकायतें आधार बनी तो तीनों होंगे बाहर
कैबिनेट में कांग्रेस के चार कोटे के मंत्रियों में से एक को शपथ दिला दी गई है। आलमगीर के खिलाफ आम कांग्रेसियों में कोई शिकायत भी नहीं थी, लेकिन अन्य तीन मंत्रियों के खिलाफ भरपूर शिकायतें हैं। ऐसे में कृषि मंत्री बादल, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव के बीच से कोई भी शिकायतों का शिकार बन सकता है। इन मंत्रियों के खिलाफ अलग-अलग स्तर पर समय-समय पर शिकायतें की गई हैं।
ये भी पढ़ें: Hemant Soren: 'विवादित जमीन हेमंत सोरेन की...', ED ने PMLA कोर्ट में किया दावा; इस पूर्व अधिकारी से जोड़ा कनेक्शनये भी पढ़ें: Hemant Soren: 'हेमंत ने सबूत मिटाने की कोशिश की...', रिमांड अर्जी में ED ने कोर्ट को क्या-क्या बताया?
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।