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Cryptocurrency के नाम पर 22 लाख की ठगी, 300 प्रतिशत रिटर्न का दिया था झांसा; एक आरोपी बिहार से गिरफ्तार

क्रिप्टो करेंसी में 300 प्रतिशत रिटर्न का झांसा देकर बोकारो निवासी से 22 लाख की ठगी का मामले सामने आया है। इसके बाद साइबर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक आरोपित शशि शंकर कुमार उर्फ विक्की को बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार शशि शंकर बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र का रहने वाला है।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank ShekharUpdated: Sun, 07 Jan 2024 05:27 PM (IST)
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Cryptocurrency के नाम पर 22 लाख की ठगी, 300 प्रतिशत रिटर्न का दिया था झांसा;
राज्य ब्यूरो, रांची। क्रिप्टो करेंसी में 300 प्रतिशत के रिटर्न का झांसा देकर बोकारो जिले के चास थाना क्षेत्र निवासी संतोष कुमार से 22 लाख की ठगी के मामले में साइबर थाने की पुलिस एक आरोपित शशि शंकर कुमार उर्फ विक्की को बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार शशि शंकर कुमार उर्फ विक्की बिहार के मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र स्थित एमआइटी स्थित ब्रह्मपुरा सोडा गोदाम रोड का निवासी है। सीआइडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने रविवार को साइबर अपराध थाने में प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपित शशि शंकर के पास से एक मोबाइल, दो सिम, 4 चेकबुक, एक पासबुक और एक वाइफाइ राउटर बरामद किया गया है।

वह इसका इस्तेमाल साइबर ठगी के लिए किया करता था। गिरफ्तार शशि कुमार काफी शातिर है। उसने पहले संतोष कुमार व अन्य निवेशकों को झांसे में लेने के लिए गोल्ड बांड में निवेश करवाया। फिर फायदा पहुंचा कर उनका विश्वास जीत लिया। बाद में शशि कुमार और उसके एक मित्र ने संतोष को बताया कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने पर बहुत बढ़िया रिटर्न मिलेगा।

इनके प्रलोभन में संतोष कुमार आ गए। डीजी ने बताया कि ये लोग निवेशकों के ठगी के पैसे से तीन बार दुबई और एक बार रूस की यात्रा कर चुके है। अपने आप को ये अपने गांव व में बताते थे कि ये फिल्म इंडस्ट्री बालीवुड में काम करते हैं।

रांची, बोकारो व जमशेदपुर में किया गया निवेश के लिए प्रचार

शिकायतकर्ता संतोष कुमार ने नौ नवंबर 2023 को सीआइडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि उनको पहले काल में गोल्ड बांड के माध्यम से आरोपित शशि कुमार उर्फ विक्की ने निवेश पर लाभ पहुंचाया था। बाद में आरोपित व उसके साथियों ने संतोष को क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर अधिक पैसे कमाने का प्रलोभन दिया।

इसके लिए शिकायतकर्ता को बताया गया कि ओरो-पे के अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से मुनाफा होगा। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के माध्यम से डाटा माइनिंग कर मुनाफा कमाने के बारे में निवेशकों को जानकारी दी गई। बताया गया कि ट्रेडर पैक से प्रतिदिन 0.6 प्रतिशत लेकर 1.2 प्रतिशत तक मुनाफा होगा जो 300 प्रतिशत तक जाएगा।

कुछ लोगों को इनके द्वारा लाभ भी कराया गया ताकि और लोगो का इनपर भरोसा बढ़े और वे निवेश करे। निवेश के लिए शशि शंकर और उसके सहयोगियों ने रांची, बोकारो, जमशेदपुर सहित कई शहरों में होटलों में बड़े बड़े आयोजन किए। जिसमें लोगो को मुफ्त भोजन व जलपान की उत्तम व्यवस्था की गई।

इनके द्वारा भारतीय मुद्रा के फर्जी नोटो की गड्डियों को फाड़ कर यह बताया गया कि ये नोट भूतकाल की मुद्राए बन कर रह गई है। आने वाल भविष्य क्रिप्टो करेंसी का ही है।

निवेश कराने के बाद वेबसाइट बंद कर आरोपित हुए फरार

डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि जब निवेशकों को आरोपितों पर विश्वास बढ़ गया और लोग निवेश करने लगे तो आरोपितों ने एक दिन अपनी फर्जी वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट ओरोपे डाट आइओ बंद कर दी और फरार हो गए। वेबसाइट बंद होने के बाद इन आरोपितों ने अलग-अलग होकर अपने संपर्क को कम किया।

इस तरह के अन्य वेबसाइट के माध्यम से अपने ठगी के व्यापार को ये आगे बढ़ाने में प्रयासरत रहे। इससे संबंधित सभी आरोपित जूम एप पर मीटिंग भी करते थे। गिरफ्तार आरोपित शशि शंकर कुमार ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि विभिन्न बैंकों में भेजे गए पैसे को क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर विभिन्न ब्लाक चेन वालेट पते पर भेज दिया जाता था। जिसका अनुसंधान किया जा रहा है।

इस तरह बरतेंगे सावधानी तो बचेंगे आपके पैसे

साइबर अपराध थाने की पुलिस ने इस तरह के साइबर अपराध से बचने के लिए कुछ सुझाव भी दिया है। किसी भी अनजान अंतरराष्ट्रीय या वर्चुअल नंबर से वाट्सएप मैसेज आने पर उनकी बातें में आकर पैसे का आदान-प्रदान करने से बचें। एसएमएस के मायम से कोई अनजान लिंक प्राप्त होने पर उसपर क्लिक न करें।

निवेश के नाम पर अनजान बैंक खातों या क्रिप्टो करेंसी वालेट में पैसे निवेश करने से बचें, क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से निवेश से अत्यधिक रिटर्न प्राप्त करने का प्रलोभन ठगी का सबक बन सकता है।

निवेश से पहले जोखिम से संबंधित जानकारी प्राप्त कर लेना निवेशकों के लिए हितकर होगा। किसी भी फ्राड का शिकार होने पर साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 या डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट साइबरक्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर रिपोर्ट करें।

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