Bird Flu Ranchi: बर्ड फ्लू के खौफ से रांची में आधी हुई चिकन की बिक्री, नुकसान की आशंका से सहमे व्यापारी
Chicken Bird Flu Ranchi डेली मार्केट के विक्रेता राशिद रजा बताते हैं कि ठंड में चिकन और अंडों की मांग बढ़ जाती है। सामान्य दिनों में शहर में 75 हजार किलो मुर्गे की मांग रहती है। बर्ड फ्लू के डर से यह 32 हजार किलो तक पहुंच गई है।
रांची, जासं। देश के चार राज्यों में बर्ड फ्लू की दस्तक का असर झारखंड की राजधानी रांची के चिकेन बाजार पर भी दिख रहा है। शहर के चिकेन विक्रेता इससे काफी परेशान हैं। व्यापारियों का कहना है कि अगर जल्द ही बर्ड फ्लू पर काबू नहीं पाया गया तो कारोबारी सीजन में बड़ा नुकसान होगा। वहीं दूसरी तरफ शहर में फ्लू को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है। इसका सीधा असर बाजार पर दिख रहा है।
शहर में चिकेन की औसत खपत आधी हो गई है। ऐसे में सप्लायर और थोक विक्रेता भी परेशान हैं। बर्ड फ्लू के कारण अंडे का बाजार भी प्रभावित हुआ है। हालांकि दोनों के दाम में अभी कमी नहीं आई है। डेली मार्केट के थोक चिकेन विक्रेता राशिद रजा बताते हैं कि ठंड के मौसम में चिकन और अंडों की मांग हर साल बढ़ जाती है। वर्तमान में चिकन का थोक रेट 110-120 रुपये किलो है।
वहीं खुदरा में चिकेन 150 रुपये किलो बिक रहा है। सामान्य दिनों में औसतन शहर में 75 हजार किलो मुर्गे की मांग रहती है। बर्ड फ्लू के डर से यह अब 32 हजार किलो तक पहुंच गई है। बड़ी बात यह है कि जिन लोगों ने अपने यहां पहले से मुर्गे का स्टाॅक मंगाकर रखा है, उनकी चिंता बढ़ गई है। अगर माल नहीं निकला तो भी वे तय कीमत से कम पर मुर्गा बेचने से कतरा रहे हैं। वहीं फार्म वाले की परेशानी अलग है।
मछली बाजार में आई बहार
धुर्वा स्थित शालिमार बाजार में लोगों की भीड़ बढ़ गई है। शालिमार बाजार के थोक विक्रेता सुशील महतो बताते हैं कि बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद मछली की मांग में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। लोग जिंदा और लोकल मछली को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा बंगाल और आंध्र से आने वाली मछलियों की मांग चढ़ी है। हालांकि रेट में काफी अंतर नहीं आया है। इसके साथ ही व्यापारी बता रहे हैं कि बकरे के मांस की भी मांग बढ़ी है। मगर रेट टाइट होने से लोग खस्सी की बजाय मछली खाना पसंद कर रहे हैं।
'रांची में अभी तक बर्ड फ्लू का एक भी मामला सामने नहीं आया है। पशुपालन विभाग और पोल्ट्री फार्म मालिक पहले से इस मामले में काफी सतर्क हैं। हालांकि लोग पूरी तरह से पका मुर्गा और अंडा खा सकते हैं। यह पूरी तरह से सुरक्षित है।' -सौरभ बनर्जी, सदस्य, झारखंड पोल्ट्री एसोसिएशन।