Jamshedpur में नक्शा विचलन के मामले में मुख्य सचिव तलब, जांच कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद HC ने जताई नाराजगी
झारखंड HC के चीफ जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आनंद सेन ने जमशेदपुर में नक्शा विचलन के मामले में मुख्य सचिव को तलब किया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा है कि रिपोर्ट से स्पष्ट हो रहा है कि जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति की ओर से जारी बिल्डिंग बायलाज और नगरपालिका कानून के प्रविधानों का उल्लंघन हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में जमशेदपुर में नक्शा विचलन और पार्किंग स्थलों का व्यावसायिक इस्तेमाल के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मामले की जांच के लिए बनी वकीलों की कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद अदालत ने नाराजगी जताई है।
अदालत ने कहा है कि रिपोर्ट से स्पष्ट हो रहा है कि जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति की ओर से जारी बिल्डिंग बायलाज और नगरपालिका कानून के प्रविधानों का उल्लंघन हो रहा है। रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि स्थानीय प्रशासन ने हाई कोर्ट की ओर से गठित वकीलों की कमेटी को सहयोग नहीं किया, ताकि जांच न हो। यह अदालत के आदेश की अवमानना है।
5 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने इस मामले की सुनवाई पांच दिसंबर को निर्धारित करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को हाजिर होने का निर्देश दिया है। इस संबंध में राकेश कुमार झा ने जनहित याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि नियमानुसार जमशेदपुर में जी प्लस तीन से अधिक ऊंचा भवन नहीं बनाया जा सकता है, लेकिन टाटा, जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमेटी और जिला प्रशासन की मिलीभगत से 1246 भवनों के निर्माण में नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया गया है।
2011 में कोर्ट ने स्वत: लिया था संज्ञान
वर्ष 2011 में हाई कोर्ट ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और नक्शा विचलन कर निर्माण पर स्वत: संज्ञान लिया था। अदालत ने पूरे राज्य में इस तरह के मामलों में कार्रवाई का निर्देश दिया था। जमशेदपुर में कोर्ट के आदेश का पालन ही नहीं किया गया। सुनवाई के दौरान जमशेदपुर के उपायुक्त ने शपथ पत्र में कहा था कि इस तरह के मामलों में कार्रवाई की जाएगी।
प्रार्थी के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने कहा कि जमशेदपुर में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, बल्कि म्यूनिसिपल एक्ट 2011 के प्रविधानों का उल्लंघन करते हुए जी प्लस 9 तक का भवन बना लिया गया है। इतना ही नहीं बिल्डरों ने पार्किंग की जगहों को कामर्शियल उपयोग के लिए बेच दिया है।