Jharkhand Education: झारखंड के दो हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को नर्सरी से दी जाएगी शिक्षा
Jharkhand Education राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अवधारणाओं को लागू करने के लिए राज्य के दो हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को नर्सरी (प्री स्कूल या बालवाटिका)) से शिक्षा दी जाएगी। ये वैसे आंगनबाड़ी केंद्र हैं जो स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के परिसर में हैं।
By Kanchan SinghEdited By: Updated: Sun, 31 Oct 2021 08:09 AM (IST)
रांची, राब्यू । राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अवधारणाओं को लागू करने के लिए राज्य के दो हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को नर्सरी (प्री स्कूल या बालवाटिका)) से शिक्षा दी जाएगी। ये वैसे आंगनबाड़ी केंद्र हैं जो स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के परिसर में हैं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसपर महिला एवं बाल विकास विभाग से भी सहमति ली जाएगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्तमान 10 प्लस 2 की स्कूली व्यवस्था की जगह 3 से 18 वर्ष के सभी बच्चों के लिए पाठ्यचर्या और शिक्षण के ढांचे को 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 की एक नई व्यवस्था में बदलने पर जोर दिया गया है। इसके तहत पहले पांच वर्ष की शिक्षा को बुनियादी शिक्षा के रूप में 3 प्लस 2 के रूप में बांटा गया है।
इसमें पहली तीन कक्षा आंगनबाड़ी, प्री स्कूल या बालवाटिका के रूप में निर्धारित की गई है। इसके बाद पहली व दूसरी कक्षा की पढ़ाई होगी। पहली कक्षा से पहले की तीन कक्षा (आंगनबाड़ी, प्री स्कूल या बालवाटिका) इन चुनींदा आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित की जाएगी।स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के अनुसार, इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पूर्व की तरह पोषाहार महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से इंटीग्रेटेड चाइल्ड डवलपमेंट सर्विसेज (आइसीडीएस) स्कीम के तहत मिलेंगे। बच्चों का पठन-पाठन सिर्फ स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधीन कार्यरत शिक्षकों द्वारा कराया जाएगा।
183 स्कूलों में शुरू हाेगा ईसीसीई कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रविधानों को लागू करने के लिए राज्य के 183 स्कूलों में यर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ईसीसीई) कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। समग्र शिक्षा अभियान के इस कार्यक्रम के तहत चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र ने प्रति स्कूल एक लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस राशि से इन स्कूलों में चाइल्ड फ्रैंंडली बेंच-डेस्क खरीदे जाएंगे। बाला फीचर तथा आउटडोर खेल की सामग्री भी इस राशि से खरीदी जाएगी।-
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