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अब 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा में फेल हुए बच्‍चों की होगी कक्षा में उपस्थिति की जांच, इस वजह से लिया गया फैसला

JAC Board Result इस साल जैक बोर्ड द्वारा जारी परीक्षाफल में राजधानी रांची के विद्यार्थियों का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है। इस कारण शिक्षा विभाग इसके पीछे के मूल कारण का पता लगाने की कोशिश कर रही है। अब अब 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में अनुतीर्ण विद्यार्थियों की कक्षा में उपस्थिति की जांच होगी। इसके बाद रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा।

By kumar Gaurav Edited By: Arijita Sen Updated: Thu, 23 May 2024 10:29 AM (IST)
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अब 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में अनुतीर्ण विद्यार्थियों की होगी कक्षा उपस्थिति जांच
जासं, रांची। JAC Board Result : दसवीं और 12वीं की परीक्षा में अनुतीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं की कक्षा में उपस्थिति की अब जांच होगी। इसे लेकर राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सभी जिला शिक्षा अधीक्षक सह अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र जारी किया है।

पूरे शैक्षणिक सत्र में 75 प्रतिशत उपस्थिति होना अनिवार्य

जारी किए गए पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति पूरे शैक्षणिक सत्र में 75 प्रतिशत होना अनिवार्य है। साथ ही किसी भी विद्यार्थी के विद्यालय में लगातार 30 दिनों की अनुपस्थिति पर नामांकन रद किए जाने का भी उल्लेख किया गया है।

इसे लेकर शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। बताया गया कि सीएम आदर्श विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए दसवीं एवं 12वीं कक्षा की परीक्षा में अनुतीर्ण होने वाले विद्यार्थियों की विद्यालय में उपस्थिति क्या रही है, इसकी भी जांच की जाएगी।

गत शैक्षणिक सत्र में ऐसे अनुतीर्ण होने वाले विद्यार्थी कितने दिनों तक विद्यालय से अनुपस्थित रहे हैं, इसकी जांच शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थ स्वयं करेंगे, या फिर क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी से सीएम आदर्श व उत्कृष्ट विद्यालयों में अनिवार्य रूप से एवं अन्य सभी वैसे विद्यालयों में जहां 10 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी अनुतीर्ण हुए हैं। ये सारी जांच कराने के बाद इससे संबंधित प्रतिवेदन राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा।

बता दें कि इस वर्ष जैक बोर्ड द्वारा जारी परीक्षाफल में राजधानी रांची के विद्यार्थियों का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है। इस कारण शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थों ने मूल कारणों को खंगालने की दिशा में यह कदम उठाया है।

पत्र जारी होने के बाद एक्टिव मोड पर पदाधिकारी

राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय से पत्र जारी होने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक एक्टिव मोड पर हैं। उन्होंने जिले के सभी विद्यालय प्रधानों को इससे संबंधित जानकारी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जिले के सभी 2100 सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन की व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सकेगा।

हालांकि, इससे इतर इन विद्यालयों में ड्रापआउट छात्र छात्राओं की समस्या भी विकराल होती जा रही है। गत वर्ष ड्रापआउट विद्यार्थियों की संख्या कम करने की दिशा में भी पहल की गई थी।

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