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Alamgir Alam: आलमगीर आलम पर चला CM चंपई सोरेन का चाबुक! वापस लिए आवंटित किए गए सभी विभाग

टेंडर कमीशन मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम जेल में बंद हैं और हाल ही में उन्हें पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया गया था। अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। अब झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने आलमगीर आलम के विभाग को ले लिया है और इसको लेकर झारखंड सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है।

By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Fri, 07 Jun 2024 07:25 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2024 07:41 PM (IST)
आलमगीर आलम पर CM चंपई सोरेन का एक्शन

जागरण संवाददाता, रांची। जेल में बंद मंत्री आलमगीर आलम के सारे विभाग मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने वापस ले लिए हैं। उल्लेखनीय है कि मंत्री टेंडर आवंटन कमीशन घोटाला में जेल में बंद हैं। इससे विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहा था। ये सभी विभाग अब मुख्यमंत्री चंपई सोरेन संभालेंगे।

इस संबंध में राज्य सरकार ने शुक्रवार को आधिकारिक अधिसूचना जारी की। मुख्यमंत्री के पास पूर्व में आवंटित विभागों के साथ-साथ संसदीय कार्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग तथा पंचायती राज विभाग भी रहेगा। ये चारों विभाग आलमगीर आलम के पास थे।

विभागों का काम था पूरी तरह से ठप

ईडी द्वारा टेंडर कमीशन घोटाला में उन्हें गिरफ्तार करने तथा रिमांड में पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद इन विभागों का कामकाज पूरी तरह ठप था। ये सभी विभाग काफी महत्वपूर्ण हैं। खासकर ग्रामीण विकास तथा ग्रामीण कार्य का बजट बड़ा है। मॉनसून से पहले इन विभागों में अधिसंख्य कार्य पूरे किए जाने हैं।

वहीं, दो माह बाद झारखंड विधानसभा का बजट सत्र भी है। बताते चलें कि जेल भेजे जाने के बाद भी आलमगीर आलम ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है। इधर, मुख्यमंत्री द्वारा उनसे विभागों को वापस लेने को बड़ा निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। अब सवाल उठ रहा है कि आलमगीर बिना विभाग के मंत्री पद पर बने रहेंगे या फिर मंत्री पद से इस्तीफा देंगे।

आलमगीर आलम पर इस्तीफे का दबाव हो सकता है निर्णय

आलमगीर आलम अब बिना विभाग के मंत्री हो गए हैं। इसे उनके ऊपर इस्तीफे के दबाव के तौर पर भी देखा जा रहा है। बताया जाता है कि इस संबंध में कांग्रेस आलाकमान की हरी झंडी मिलने के बाद जल्द निर्णय हो सकता है। कांग्रेस के भितरखाने इसे लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।

कहा जा रहा है कि आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद सरकार के बारे में गलत संदेश गया। चुनाव में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। कांग्रेस के प्रदर्शन पर भी असर पड़ा। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया तो पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा।

अब काम में आएगी तेजी

मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शुक्रवार को सचिवालय में बैठकों का दौर आरंभ किया। इस दौरान कई विभागीय निर्णय लिए गए। उन्होंने विभागों की समीक्षा आरंभ की है। उन्होंने विभागीय प्रमुखों को कामकाज में भी तेजी लाने का निर्देश दिया है। आदर्श चुनाव आचार संहिता की वजह से यह ठप था।

अभी सरकार को अधिकतम चार माह कामकाज का वक्त मिलेगा। उसके बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगा। इस अवधि में मुख्यमंत्री कामकाज को पूरी गति से आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में उन्होंने मंत्री आलमगीर आलम के मातहत विभाग लेने का निर्णय किया है।

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