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Jharkhand News: झारखंड के कलाकारों के लिए CM हेमंत का बड़ा एलान, लागू की जाएगी स्पेशल पॉलिसी

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर राज्य के कलाकारों के लिए बड़ा एलान किया। सीएम सोरेन ने कहा है कि झारखंड के कलाकारों के लिए राज्य सरकार एक विशेष पॉलिसी को लागू करेगी। इस पॉलिसी से झारखंड के कलाकारों के आर्थिक समस्या उत्पन्न नहीं होगी और साथ ही वे अपनी कला-संस्कृति को समृद्ध भी कर पाएंगे।

By Neeraj Ambastha Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sun, 11 Aug 2024 04:37 PM (IST)
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के कलाकारों के लिए किया बड़ा एलान (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार झारखंड के कलाकारों के लिए विशेष पालिसी लागू करेगी।

झारखंड के कलाकारों के समक्ष आर्थिक समस्या न हो तथा वे अपनी कला-संस्कृति को समृद्ध कर सकें, इसका प्रविधान विशेष पालिसी में किया जाएगा।

आने वाले दिनों में कलाकार करेंगे नाम रोशन

मुख्यमंत्री विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान के ऐतिहासिक परिसर में आयोजित दो दिवसीय झारखंड आदिवासी महोत्सव, 2024 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कलाकार झारखंड की कला-संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य कर रहे हैं।

यहां के कलाकारों को आने वाले दिनों में एक बेहतर नीति और कार्ययोजना बनाकर आगे बढ़ाने का काम उनकी सरकार करेगी ताकि झारखंड के कलाकार देश और दुनिया में अपने हुनर का प्रदर्शन कर राज्य का नाम रोशन कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा झारखंड की पूरे विश्व में है अलग पहचान

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के कलाकार झारखंड की कला-संस्कृति को निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। इनके प्रयासों को और मजबूती प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल और कला, संस्कृति के क्षेत्र में झारखंड की पूरे विश्व में अलग पहचान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल के क्षेत्र में बात करें तो हॉकी इंडिया में झारखंड के खिलाड़ियों का अहम योगदान रहा है। देश की महिला हाकी टीम में इस राज्य की महिला खिलाड़ियों ने एक अलग मुकाम हासिल किया है।

आदिवासियत को बचाने में लगा है आदिवासी समाज

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई चुनौतियों का सामना करते हुए आदिवासी समाज के लोग अपनी कला-संस्कृति, रहन-सहन और समृद्ध आदिवासियत को बचाने के लिए जद्दोजेहद में लगे हैं। कहा, गीत-नृत्य यहां की कला-संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अनवरत चलता रहता है।

बारिश के मौसम में खेत-खलिहान से जुड़े लोगों के मन में भी उत्साह है और सामाजिक सरोकार रखने वाले लोगों के मन में भी उत्साह है। झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है और यहां के आदिवासी समाज के लोग यहां की कला-संस्कृति को संरक्षित करने का काम करते हैं। राज्य की समृद्ध कला-संस्कृति का सीधा जुड़ाव प्राकृतिक से भी है।

धीमी प्रगति ही सही, आदिवासी समाज बढ़ा रहा आगे

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि व्यापार जगत हो, न्यायपालिका का क्षेत्र हो, डाक्टर्स, इंजीनियर्स का क्षेत्र हो या फिर आइएएस, आइपीएस की बात करें तो भी इन सभी क्षेत्रों में आदिवासी समाज के गिने-चुने लोग ही अपनी जगह बना पाए हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे आदिवासी समाज के लोग आगे नहीं बढ़ रहे हैं। अब आदिवासी समाज के नौजवान युवक-युवतियां एवं छात्र-छात्राएं अलग-अलग क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं। झारखंड सिर्फ नदी, पहाड़, पर्वत या खनिज संपदा के लिए ही नहीं जाना जाता है बल्कि यहां एक समृद्ध मानव बल के लिए भी जाना जाता है।

मुख्यमंत्री सहित तमाम अतिथियों ने उठाया सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुत्फा

इस अवसर पर मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुत्फ उठाया। साथ ही झारखंड एवं अन्य राज्यों से पहुंचे कलाकारों का मनोबल भी बढ़ाया।

इस अवसर पर मंत्री हफीजुल हसन, सांसद महुआ माजी, विधायक कल्पना सोरेन, अनूप सिंह, मंगल कालिंदी, अंबा प्रसाद, भूषण तिर्की, मुख्य सचिव एल. खियांग्ते, कैबिनेट विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, कल्याण विभाग के सचिव कृपानंद झा, आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा आदि उपस्थित थे।

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