'...डायन प्रथा अभी भी है', आदिवासी दिवस समारोह में बोले राज्यपाल गंगवार; CM हेमंत भी पत्नी संग हुए शामिल
World Indigenous Day शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा पार्क में आदिवासी महोत्सव का कार्यक्रम रखा गया था। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) अपनी पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन संग इस आदिवासी कार्यक्रम दिवस समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे। समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार भी शामिल हुए।
जागरण टीम, रांची। आज विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है और इस अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा पार्क में आदिवासी महोत्सव का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन संग शामिल हुए।
इनके अलावा इस समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार भी शामिल हुए। समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के साथ कदम से कदम चलने तथा उनकी सहायता के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि जज, आईएएस, आईपीएस एवं अन्य बड़े पदों पर गिने-चुने आदिवासी ही दिखते हैं। हमारा समाज कैसे आगे बढ़े, इसके लिए सरकार के साथ-साथ इस समाज के लोगों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की जो आकांक्षाएं हैं, उन सभी को पूरा करने के लिए सरकार प्रयास कर रही हैं।
समारोह में पत्नी कल्पना सोरेन संग शामिल हुए सीएम हेमंत सोरेन
झारखंड को सोने की चिड़िया कहा जाता है- सीएम सोरेन
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रदेश को सोने की चिड़िया कहा जाता है। यहां खनिज संपदा का भंडार है, लेकिन यहां के आदिवासी-मूलवासी विकास के मापदंड को पूरा नहीं करते। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नए आयाम गढ़कर तथा विकास को गति देकर उन्हें बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
मॉडल स्कूल, सर्वजन पेंशन, हर महिला को सम्मान राशि, मुख्यमंत्री मंईयांं सम्मान योजना ऐसे कई उदाहरण हैं। उत्सव के इस मौके पर उन्हें गिनाना ठीक नहीं होगा।
झारखंड आदिवासी महोत्सव को संबोधित करते हुए राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने झारखंड में शीघ्र ही पेसा अर्थात पेसा कानून अर्थात पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल एरिया एक्ट लागू करने पर जोर दिया।
उन्होंने मुख्यमंत्री को इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस दिशा में शीघ्र आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया। उन्होंने विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति की राशि उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया।
राज्यपाल ने भी किया संबोधित
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि अभी भी आदिवासी समाज शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में पीछे है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले। वे अपने अधिकारों को जानें। आदिवासी समाज के संरक्षण का संकल्प लेना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि यह बहुत ही सुखद है कि आदिवासी समाज में दहेज प्रथा जैसी कुप्रथा नहीं है, लेकिन डायन प्रथा इस समाज में अभी भी है, जो चिंताजनक है। इस समाज को जागरुक कर इस समस्या को दूर करने की आवश्यकता है।
आदिवासी समाज के अधिक से अधिक युवा उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें, इस दिशा में प्रयास हो। ऐसा माहौल बने, जिससे लगे कि सभी समाज बराबरी में है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज देश की पहचान है। यह अन्य समाज को भी आगे ले जाने का काम करता है।
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निवारणपुर के श्री राम जानकी तपोवन मंदिर में रांची के नवनिर्माण हेतु प्रस्तावित प्रतिकृति के अनावरण एवं भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की उन्नति, सुख समृद्धि एवं शांति की कामना की।
ये भी पढे़ं-
Hemant Soren: 'हर परिवार को देंगे एक लाख', CM हेमंत सोरेन ने कर दिया बड़ा एलान; फॉर्मूला तैयार