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Hemant Soren: चुनावी मूड में CM हेमंत सोरेन, आदिवासी महोत्सव में एक तीर से साधे कई निशाने

बीती नौ और दस अगस्त को झारखंड में राजधानी रांची में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक तीर से कई निशाने साधते हुए साथ कई संदेश दे दिए। अपने शासनकाल के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने इस महती आयोजन को संस्थागत के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वरूप भी दिया।

By Pradeep singh Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sun, 11 Aug 2024 09:56 PM (IST)
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आदिवासी महोत्सव में सीएम हेमंत सोरेन ने दे दिए कई संदेश (फाइल फोटो)
प्रदीप सिंह, रांची। Jharkhand Political News राजधानी में बीते नौ-दस अगस्त को संपन्न हुए आदिवासी महोत्सव के सफल आयोजन से मुख्यमंत्री सह सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने एक साथ कई संदेश दिए।

एक मायने में उन्होंने एक तीर से कई निशाने साधे। हेमंत सोरेन ने अपने शासनकाल के दौरान इस महती आयोजन को संस्थागत के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वरूप भी प्रदान किया। पहले इस आयोजन का स्वरूप संस्थागत नहीं था।

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम का किया जिक्र

विभिन्न जनजातीय संगठन राजधानी में अपनी सांकेतिक उपस्थिति दर्ज कराते थे। अपने शासनकाल के दौरान हेमंत सोरेन ने इसकी पहल की। बीते वर्ष इस आयोजन को बड़ा फलक देने की प्रक्रिया आरंभ हुई। इसमें छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भी मौजूदगी रही।

ताजा आयोजन इस मायने में भव्य रहा कि विभिन्न प्रांतों के साथ-साथ सुदूर उत्तर-पूर्वी राज्यों से भी बड़ी संख्या में जुटान हुआ। स्वयं हेमंत सोरेन भी अगवानी में लगे रहे। खास बात यह रही कि आयोजन स्थल के अलावा राजधानी में भी उत्सव का माहौल रहा।

विधानसभा चुनाव पर भी बोले सीएम हेमंत

पारंपरिक परिधान में आदिवासी समुदाय के लोग थिरकते रहे। ऐसा माहौल पहले देखने को नहीं मिलता था। जनजातीय समाज का बड़ा जुटान कर हेमंत सोरेन ने यह संदेश दिया कि वे झारखंड से बाहर निकल देशभर में आदिवासियों के बीच सर्वाधिक लोकप्रिय होकर उभरे हैं।

आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है कि इसका प्रभाव परिणाम पर व्यापक असर डालेगा। यह भी उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी पांच आदिवासी सुरक्षित सीटों पर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले गठबंधन ने जीत हासिल की है।

समर्थकों के नाम भावुक अपील के भी मायने

आदिवासी महोत्सव के क्रम में दस अगस्त को हेमंत सोरेन का अपने जन्मदिवस के मौके पर भावुक संदेश भी चर्चा के केंद्र में रहा। उन्होंने ईडी की कार्रवाई के बाद अपनी जेल यात्रा से संबंधित एक तस्वीर साझा की। उसमें रिहाई के वक्त उनके हाथ में लगी जेल की मुहर की तस्वीर थी।

इसके साथ-साथ उन्होंने अपने आधार वर्ग को आकर्षित करते हुए लिखा कि वे यह काम नहीं छोड़ेंगे। आदिवासी, दलित, पिछड़े अल्पसंख्यक के हक की मांग को हमेशा बुलंद करते रहेंगे।

हेमंत बगैर किसी पर राजनीतिक आरोप लगाए बगैर अपना संदेश पहुंचाने में सफल रहे, तो इसके पीछे बड़ी वजह इस कार्रवाई को लेकर उनके समर्थकों के बीच पैदा हुई सहानुभूति है।

उनके राजनीतिक विरोधी अब इस बात को हवा दे रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में भले ही इसका असर दिखा, लेकिन विधानसभा चुनाव में यह कारगर नहीं होगा। लेकिन झामुमो के रणनीतिकार इस मुद्दे को आसानी से छोड़ने वाले नहीं हैं। वे इसे चर्चा के केंद्र में रखेंगे।

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