Jharkhand: हेमंत सोरेन की अधिकारियों संग बैठक, दिए कई जरूरी दिशा-निर्देश; मानव तस्करी पर सरकार सख्त
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान सीएम सोरेन ने अधिकारियों को कई जरूरी दिशा-निर्देश दिए। बैठक के सीएम हेमंत सोरेन खासकर मानव तस्करी पर रोक लगाने को लेकर गंभीर दिखे। इसे लेकर अधिकारियों को कई निर्देश दिए। वहीं महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों के साथ बातचीत की।
By Dilip KumarEdited By: Shashank ShekharUpdated: Fri, 29 Sep 2023 09:53 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में मानव तस्करी पर रोक लगाने के संबंध में अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान सीएम ने कहा कि मानव तस्करी की घटनाओं पर राज्य सरकार गंभीर है। हर हाल में इस पर रोक लगाना होगा।
सीएम हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से प्रवासी श्रमिकों के डेटाबेस के लिए मैकेनिज्म तैयार करने व सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू), साइबर अपराध, एससी-एसटी व महिला थाना के संचालन के लिए संयुक्त भवन बनाने को कहा है।
बैठक में इन विभागों के अधिकारी रहे मौजूद
इसके लिए डीपीआर जल्द तैयार करने के लिए भी अधिकारियों को आदेश दिया गया है। इन भवनों में सभी मामलों की 24 घंटे मॉनीटरिंग हो सकेगी। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में पुलिस विभाग, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा सहित अन्य विभाग के वरीय अधिकारी मौजूद थे।मुख्यमंत्री ने मानव तस्करी को राज्य की एक गंभीर समस्या बताई और इसकी रोकथाम के लिए सभी संबंधित विभाग एनजीओ तथा सामाजिक संस्थाओं के बेहतर समन्वय से प्रभावी कार्य योजना बनाने पर जोर दिया।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इसमें शामिल अपराधियों की धर-पकड़ से लेकर आम जनता को जागरूक करने तक की आवश्यकता है। इसमें शामिल सिंडिकेट या एजेंसियों पर भी हर हाल में कार्रवाई करें। साथ ही बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के विरुद्ध कड़ी व प्रभावी कार्रवाई करें।
मानव तस्करी पर रोक लगाने का निर्देश
उन्होंने कहा कि वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं, उनका डेटा व पुलिस सत्यापन सुनिश्चित करें ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक और मानसिक शोषण से बचाया जा सके।मुख्यमंत्री ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित जितने हेल्प डेस्क व कॉल सेंटर बनाए गए हैं, उन्हें पूर्ण रूप से सक्रिय करें और उनकी समीक्षा करें। पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों की डेटा रजिस्टर्ड हो सके इसकी भी व्यवस्था बनाएं।
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