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CM हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री के सामने उठाया PMAY का मुद्दा, एकलव्य मॉडल स्‍कूल के लिए की इस बदलाव की मांग

दिल्‍ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोज‍ित बैठक में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित झारखंड के आठ लाख लाभुकों को उनका हक दिलाने के लिए भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लगातार अनुरोध के बावजूद ग्रामीण विकास मंत्रालय इसपर सकारात्मक निर्णय नहीं ले रहा है।

By Dilip KumarEdited By: Prateek JainUpdated: Sat, 07 Oct 2023 11:51 AM (IST)
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CM हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री के सामने उठाया PMAY का मुद्दा
राज्य ब्यूरो, रांची। दिल्‍ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोज‍ित बैठक में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।

मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित झारखंड के आठ लाख लाभुकों को उनका हक दिलाने के लिए भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लगातार अनुरोध के बावजूद ग्रामीण विकास मंत्रालय इसपर सकारात्मक निर्णय नहीं ले रहा है।

मुख्यमंत्री ने बैठक में केंद्रीय बलों के सहयोग से उग्रवाद को समाप्त करने के लिए चल रही बहुआयामी कार्य योजना की भी जानकारी दी। बताया कि केंद्रीय बलों के साथ झारखंड जगुआर और सैट का व्यापक उपयोग किया जा रहा है। शीर्ष वामपंथी नक्सली नेताओं को चिह्नित कर उनके विरुद्ध संयुक्त रूप से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

उन्होंने बूढ़ा पहाड़ को नक्सल मुक्त कराने से लेकर आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की भी जानकारी दी और कहा कि वे स्वयं बूढ़ा पहाड़ पर जाकर वहां के लोगों से मिले थे। वहां की छह पंचायतों के विकास के लिए कार्य योजना तैयार की गई है।

एसआरई मद से बीमा राशि जारी रखने की की मांग

मुख्यमंत्री ने एसआरई से बीमा मद को हटाने का मुद्दा उठाया और इसे बनाए रखने की मांग की। उन्होंने एसआरई जिला की सूची से बाहर होने वाले जिलों में प्रतिनियुक्त केंद्रीय सैनिक बलों पर किए गए खर्च को इसी मद से करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

वहीं, खनन क्षेत्रों के मात्र 15 किलोमीटर की परीधी में ही डीएमएफटी की राशि खर्च करने संबंधित होने जा रही भारत सरकार की मार्गनिर्देशिका में परिवर्तन नहीं करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने केंद्र से आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में विकास के लिए बैंकों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया। यह भी कहा कि राज्य के अनुसूचित जनजाति समुदाय के अभ्यर्थियों को छोटे-छोटे ऋण की सुविधा भी बैंक उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।

एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल में समाप्त करें 50 प्रतिशत आदिवासियों की बाध्यता

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्रालय ने राज्य में अब तक 91 एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल स्वीकृत किए। इनमें 28 का निर्माण राज्य सरकार को करना था, इनमें 21 का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। सात विद्यालयों का संचालन भी हो रहा है।

शेष 14 को इसी वित्तीय वर्ष में चालू होंगे। 68 का निर्माण कार्य भारत सरकार की एजेंसी कर रही है। इन विद्यालयों की स्थापना उन्हीं प्रखंडों में होनी है, जहां आदिवासियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। न्यूनतम जनसंख्या 20 हजार होनी चाहिए।

राज्य में 61 ऐसे प्रखंड हैं, जहां आदिवासियों की संख्या 20 हजार से अधिक है, लेकिन वे 50 प्रतिशत की शर्त का पालन नहीं करते हैं। इसलिए ऐसे विद्यालयों की स्वीकृति के लिए निर्धारित मापदंड में 50 प्रतिशत की शर्त को समाप्त किया जाय।

नक्सल क्षेत्रों में बन रहीं सड़कें, बढ़ाई जा रही हैं कनेक्टिविटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों में सड़कें बन रही हैं। यहां कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है। नक्सल प्रभावित चाईबासा जिला में डीएमएफटी की राशि से बड़ी संख्या में सड़क निर्माण की योजना तैयार हो रही है। मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। आम जनता

से संवाद कायम करने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग की जा रही है। इससे सुरक्षा बलों को सफलता मिल रही है। मुख्यमंत्री ने इस नक्सल विरोधी अभियान में लगाए जाने वाले हेलीकाप्टर का खर्च भी एसआरइ मद से करने का आग्रह किया है, जो पहले बंद कर दिया गया था।

नक्सली संगठनों के आय स्रोत पर रोक के लिए चल रही कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय एजेंसियों एनआईए व एनसीबी के साथ समन्वय बनाकर नक्सली संगठनों के आय के स्रोत पर रोक लगाने के लिए प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर रही है। राज्य पुलिस ने कुल 28 नक्सली नेताओं की चल-अचल संपत्ति जब्त की है।

अफीम की खेती, तस्करी की रोकथाम के लिए भी एनसीबी की मदद से प्रभावकारी कदम उठाये गये हैं। इस वर्ष लगभग 5,500 एकड़ भूमि से अफीम की खेती नष्ट की गयी है। उग्रवादी घटनाओं से संबंधित कांडों के अनुसंधान व अभियोजन को बेहतर बनाने के लिए सभी जिलों में स्पेशल

मानीटरिंग सेल का गठन किया गया है। राज्य में 2014 से यूएपीए के तहत दर्ज कुल 599 उग्रवादी कांडों में से 426 में अनुसंधान का कार्य पूर्ण कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। 21 संवेदनशील कांडों का अनुसंधान एनआईए को सौंपा गया है।

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