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Jharkhand: विधायकों का पर्याप्त आंकड़ा हेमंत सोरेन के पास, इस दिन होगा बहुमत परीक्षण

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को विधानसभा में बहुमत परीक्षण का सामना करेंगे। गुरुवार को उन्हें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राजभवन में शपथ ग्रहण कराया था। ऐसे में अभी विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 76 है। सामान्य बहुमत के लिए 39 विधायकों का समर्थन सरकार को चाहिए। हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को 44 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 06 Jul 2024 06:00 AM (IST)
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विधायकों का पर्याप्त आंकड़ा हेमंत सोरेन के पास

राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को विधानसभा में बहुमत परीक्षण का सामना करेंगे। गुरुवार को उन्हें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राजभवन में शपथ ग्रहण कराया था। इसके बाद विधानसभा का विशेष सत्र आठ जुलाई को आहूत करने की घोषणा की गई। हेमंत सोरेन के समक्ष विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर कोई चुनौती नहीं है। इसकी वजह यह है कि सामान्य बहुमत से अधिक विधायकों का समर्थन उन्हें प्राप्त है।

झारखंड विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या 81 है। चार विधायकों ने लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद विधायकी छोड़ दी है। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा की जोबा मांझी और नलिन सोरेन एवं भाजपा के मनीष जायसवाल और ढुलू महतो शामिल हैं।

सीता सोरेन ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया

जामा से झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक रहीं सीता सोरेन ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वह पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं थीं। हालांकि उन्हें दुमका संसदीय क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में अभी विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 76 है। सामान्य बहुमत के लिए 39 विधायकों का समर्थन सरकार को चाहिए।

44 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा

हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को 44 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा है। यह भी उल्लेखनीय है कि झामुमो के दो विधायक लोबिन हेम्ब्रम और चमरा लिंडा अनुशासनहीनता की कार्रवाई के कारण निलंबित है। इसके बावजूद बहुमत से अधिक का आंकड़ा सरकार के पक्ष में है। दोनों गठबंधन के विधायकों की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे।

मांडू के विधायक जेपी पटेल भी साथ में

मांडू से भाजपा के विधायक जेपी पटेल भी गठबंधन दलों के विधायकों की बैठक में सम्मिलत हुए थे। उनका साथ भी सरकार को मिलेगा। जेपी पटेल ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। उनके विरुद्ध भाजपा ने दल-बदल की शिकायत स्पीकर न्यायाधिकरण में की है। तकनीकी तौर पर वे अभी भाजपा के विधायक हैं।

कैबिनेट विस्तार पर सबकी निगाहें, ज्यादा फेरबदल की गुंजाइश कम

हेमंत सोरेन बहुमत परीक्षण के बाद मंत्रिमंडल की विस्तार करेंगे। मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान ज्यादा फेरबदल की संभावना नहीं है। खासकर झारखंड मुक्ति मोर्चा से उन सभी विधायकों को शामिल किया जाएगा, जो चम्पाई कैबिनेट में थे। लातेहार के विधायक बैद्यनाथ राम को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

चम्पाई सोरेन मंत्रिमंडल में वे शामिल होने से चूक गए थे। अंतिम समय में उनका नाम कट गया था। कांग्रेस कोटे का एक पद आलमगीर आलम के इस्तीफे से रिक्त है। उसे अल्पसंख्यक कोटे से जामताड़ा के विधायक डा. इरफान अंसारी को दिया जा सकता है। कांग्रेस में एक मंत्री ड्राप किए जा सकते हैं। आलाकमान से इसके लिए निर्देश मांगा गया है। ऐसा हुआ कि किसी अन्य चेहरे को मौका दिया जा सकता है। इसमें प्रदीप यादव और दीपिका पांडेय सिंह का नाम लिया जा रहा है।

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