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हेमंत बिस्व सरमा के आरोपों पर बिफरी कांग्रेस, कहा- बीजेपी ने झारखंड में उतार रखी है भ्रष्टाचारियों की फौज

Jharkhand Vidhan Sabha Election 2024 झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता सोनाल शांति ने भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा में उम्मीदवार बनने के लिए भ्रष्टाचारी होना दूसरे दल का और बड़े नेताओं का रिश्तेदार होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने झारखंड में भ्रष्टाचारियों की पूरी फौज उतार रखी है।

By Ashish Jha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 28 Oct 2024 07:41 PM (IST)
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हेमंत बिस्व सरमा के आरोपों पर बिफरी कांग्रेस।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता सोनाल शांति ने भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि भाजपा के खुद का दामन कालिख से भरा हुआ है। भाजपा में उम्मीदवार बनने के तीन योग्यताएं भ्रष्टाचारी होना, दूसरे दल का और बड़े नेताओं का रिश्तेदार होना है।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों की पूरी फौज भाजपा ने झारखंड में उतार रखी है। पूरे देश में उम्मीदवारों का सर्वे उठाकर देखा जाए तो भाजपा भ्रष्टाचारियों को उम्मीदवार बनाने में अव्वल है।

सोनाल शांति ने कहा कि आज भाजपा के झारखंड सहित देश में सांसद और विधायकों की संख्या 60% ऐसे नेताओं की है, जो दूसरे दलों से आए हुए हैं। झारखंड बीजेपी की पूरी टीम दूसरा दलों की आयातित नेताओं की है। खुद भाजपा के प्रदेश प्रमुख मरांडी इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा कि बड़े नेताओं के नजदीकी रिश्तेदारों की उम्मीदवारी के मामले में भाजपा पहले नंबर पर है और परिवारवाद का जीता जागता उदाहरण बीजेपी है। पूर्णिमा दास साहू, गीता कोड़ा, मीरा मुंडा, रोशन चौधरी, चम्पाई सोरेन, बाबूलाल सोरेन, भानु प्रताप शाही, पुष्पा देवी जैसे लोग इस चुनाव में उम्मीदवार के रूप में सामने है जो परिवारवाद का नमूना है। हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले अपने घर के आंगन को नहीं देखा।

सांसद निशिकांत दुबे को राहत बरकरार

झारखंड हाई कोर्ट में देवघर के परित्राण मेडिकल ट्रस्ट से मेडिकल कालेज खरीदे जाने के मामले में सांसद निशिकांत दुबे पर दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई नौ दिसंबर को निर्धारित की है। इस अवधि तक निशिकांत दुबे के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने के आदेश को बरकरार रखा गया है।

पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता देवघर परित्राण मेडिकल ट्रस्ट के सचिव शिवदत्त शर्मा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। निशिकांत दुबे की ओर से याचिका दाखिल कर इससे संबंधित प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की गई है।

परित्राण मेडिकल ट्रस्ट के सचिव शिवदत्त शर्मा की ओर से प्राथमिकी में कहा गया है कि बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट में सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी ट्रस्टी हैं। उनके द्वारा जालसाजी कर परित्राण मेडिकल ट्रस्ट से मेडिकल कालेज खरीदा गया है।

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