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झारखंड चुनाव से पहले कांग्रेस में मची रार! भड़के नेता तो बीच में ही कार्यक्रम छोड़ निकल गए वेणुगोपाल

झारखंड चुनाव से पहले कांग्रेस में घमासान मच गया है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल शुक्रवार को रांची में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पहुंचे थे लेकिन नेताओं के हंगामे के कारण उन्हें बीच में ही कार्यक्रम छोड़कर जाना पड़ा। नेताओं ने टिकट बांटने को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। ऐसे में पार्टी की आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

By Ashish Jha Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 01 Nov 2024 08:40 PM (IST)
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हंगामा होता देख प्रेस कांफ्रेंस छोड़ निकले वेणुगोपाल।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए पहुंचे केंद्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल शुक्रवार को नाराज होकर रांची से निकल गए। कांग्रेस के शीर्ष नेता उन्हें छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक गए, लेकिन पूरा कार्यक्रम फीका हो गया।

इसके साथ ही उन्होंने पूर्व निर्धारित प्रेस कांफ्रेंस के कार्यक्रम को भी छोड़ दिया। उन्होंने निकलने के क्रम में मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों से बात भी नहीं की।

क्यों हुआ हंगामा: हिस्सेदारी को लेकर भड़के कांग्रेसी

  • दरअसल, कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम में जिलों से पहुंचे प्रमुख नेताओं को संबोधित करने पहुंचे केसी वेणुगोपाल के संबोधन के पहले हंगामा हो गया।
  • ये हंगामा उस वक्त हुआ जब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सभा को संबोधित कर रहे थे। ठाकुर ने जैसे ही कहा कि राहुल गांधी के निर्देश पर पार्टी काम कर रही है और जिसकी जितनी भागीदारी होगी, उसकी उतनी हिस्सेदारी सु्निश्चित होगी।
  • इसके बाद ही कांग्रेस के कई नेता मंच पर बैठे वेणुगोपाल के सामने आ गए। इन नेताओं की अगुवाई पूर्व कार्यसमिति सदस्य चंचल चटर्जी ने की।

गंभीर आरोप: तुम्हारे पास पैसा नहीं है, टिकट कैसे मिलेगा?

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड में 22 प्रतिशत आबादी बंगालियों की है। इसके बावजूद किसी बंगाली को टिकट तो दूर की बात है, किसी को प्रदेश कार्यसमिति में जगह भी नहीं दी गई है।

मिली जानकारी के अनुसार, सुनील सिंह आदि कई नेताओं ने इस भीड़ का हिस्सा बनकर हंगामे को और बढ़ाया। हंगामे को तूल देते हुए कांग्रेस नेता निरंजन पासवान ने भी कहा कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी की ओर से कहा गया है कि तुम्हारे पास पैसा नहीं है, टिकट कैसे मिलेगा।

निरंजन कांके विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे थे। इतना कहते ही हंगामा और बढ़ गया। सुनील सिंह के बाद जगदीश साहू एवं अन्य कई नेता मंच के सामने आ गए और अपनी-अपनी बातें बोलने लगे। इसके बाद किसी तरह से लोगों को समझाया गया और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केसी वेणुगापाल का संबोधन शुरू हो सका।

पहला चरण: 43 में से एक दर्जन सीटों पर नहीं है कोई महिला प्रत्याशी

इधर, जानकारी के अनुसार झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 43 सीटों में सात सीटें ऐसी हैं, जहां महज एक-एक महिला ही चुनाव मैदान में हैं।

इनमें जगन्नाथपुर से पूर्व सांसद गीता कोड़ा, बड़कागांव से निर्वतमान विधायक अंबा प्रसाद, इचागढ़ से निर्वतमान विधायक सविता महतो, चतरा से मंत्री सत्यानंद भोगता की बहू रश्चि प्रकाश प्रमुख हैं।

इनके समक्ष चुनाव मैदान में खड़े सभी प्रत्याशी पुरुष हैं। दूसरी तरफ, पहले चरण की सीटों में एक दर्जन सीटें ऐसी हैं, जहां काेई महिला प्रत्याशी नहीं है।

इनमें बरही, हजारीबाग, सिमरिया, जुगसलाई, मनोहरपुर, खरसावां, सिसई, मनिका, लातेहार, पांकी, गढ़वा तथा भवनाथपुर सम्मिलित हैं। सबसे अधिक सात महिला प्रत्याशी मांडर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ रही हैं।

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