बिहार की राह पर झारखंड, प्रदेश कांग्रेस ने किया जातीय गणना का समर्थन; कहा- मुद्दे पर पीछे हट रहा केंद्र
Congress on Caste Census बिहार में जातीय गणना के बाद दूसरे राज्यों में राजनीति गर्म है। इसी क्रम में झारखंड कांग्रेस ने खुलकर इसे अपना समर्थन दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर पीछे हट रही है जबकि विभिन्न जातियों को उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। समन्वय समिति की बैठक में इस पर चर्चा होगी।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 05 Oct 2023 11:49 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। बिहार में संपन्न जातीय जनगणना के बाद झारखंड में भी राजनीति गरम हो रही है। प्रदेश कांग्रेस खुलकर जनगणना कराने के पक्ष में उतर गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम, वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव आदि नेताओं ने इस मुद्दे का समर्थन करते हुए झारखंड ही नहीं, पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की है।
जातीय गणना कराने में पीछे हट रही केंद्र सरकार: राजेश ठाकुर
जातीय गणना के पक्ष में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हमारे शीर्ष नेता राहुल गांधी स्पष्ट कर चुके हैं कि विभिन्न जातियों को उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
पार्टी जातीय गणना के पक्ष में है। अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि केंद्र सरकार जानबूझकर इस मुद्दे से पीछे हट रही है ताकि देश में पिछड़ों को इसका लाभ नहीं मिल सके।
बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं।
केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं!
इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़ - ये हमारा प्रण है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 2, 2023
आलमगीर आलम ने जातीय गणना के लिए बिहार को सराहा
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि बिहार सरकार का निर्णय सराहनीय है और अब जब केंद्र सरकार इसे लागू नहीं कर रही है, तो देश की राज्य सरकारों को अपने बूते गणना करानी चाहिए। वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने भी जातीय जनगणना का समर्थन किया है।
सरकार के साथ समन्वय समिति की बैठक में यह मुद्दा उठ सकता है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर भी दबाव बनाया जा सकता है।
हालांकि, एक सच्चाई यह भी है कि पिछड़ों को नगर निकायों में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार अभी तक कोई कारगर पहल नहीं कर सकी है।यह भी पढ़ें: अब 250 रु. में मिलेंगे महादेव के दर्शन, बाबा बैद्यनाथ मंदिर में शीघ्र दर्शनम शुल्क घटा; भक्तों के खिले चेहरे
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