Lok Sabha Elections: कांग्रेस से गिर सकते हैं और विकेट, झारखंड में इस विधायक के पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज
लोकसभा चुनाव की तारीखों का कभी भी एलान हो सकता है। ऐसे में झारखंड में भाजपा ने जहां 11 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है तो वहीं महागठबंधन की ओर से उम्मीदवारों के नामों पर मंथन पर ही चल रहा है। ऐसे में अब यह अटकलें लगाई जा रही है कि चुनाव से पहले कांग्रेस को और झटका लग सकता है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Political News Today लोकसभा चुनाव के लिए सबसे पहले प्रत्याशियों की घोषणा कर भाजपा तैयारियों के मामले में दूसरे दलों से एक कदम आगे नजर आ रही है, जबकि कांग्रेस और झामुमो अभी सीटों के बंटवारे तथा प्रत्याशियों के चयन में उलझे हैं। राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से 11 पर भाजपा अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है।
टिकट पाने वाले प्रत्याशियों ने अपना चुनावी अभियान आरंभ कर दिया है। इसके मुकाबले राज्य में सत्तारूढ़ आइएनडीआइए गठबंधन की चाल सुस्त है। कांग्रेस यहां क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के भरोसे है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटों पर दावा ठोक दिया है, जिससे कांग्रेस असहज है।
गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें
कांग्रेस के लिए स्थिति इस कदर विकट है कि चाईबासा से सांसद गीता कोड़ा ने अंतिम समय में पाला बदलकर भाजपा का टिकट हासिल कर लिया। इससे कांग्रेस पर यह सीट छोड़ने का दबाव बढ़ गया है। राजद और वामदलों की तैयारी व दावेदारी भी कुछ सीटों पर है। भाजपा के सहयोगी आजसू के बात करें तो इस बार भी वह गिरिडीह सीट पर अपना उम्मीदवार उतारेगी। हालांकि, यहां इस बार वह प्रत्याशी बदल सकती है।झामुमो ने तर्क दिया है कि सिंहभूम में एक को छोड़ सारे विधायक उसके दल से आते हैं। लिहाजा, इस सीट पर उसकी दावेदारी है। हालांकि, कांग्रेस ने इसे लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन मजबूत साथी झामुमो को नाराज करने का जोखिम उठाने की स्थिति में कांग्रेस कतई नहीं है। झामुमो ने कई मौके पर अपनी मर्जी भी कांग्रेस पर थोपी है।
झामुमो ने कहा- गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में
राष्ट्रपति चुनाव से लेकर राज्यसभा चुनाव तक इसके उदाहरण हैं, जब झामुमो ने अपने स्तर से निर्णय लिया। एक मायने में इसे क्षेत्रीय दल पर कांग्रेस की निर्भरता भी कहा जा सकता है। ऐसे में कांग्रेस को कम सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। फिलहाल विभिन्न राज्यों में गठबंधन के साथियों से हाथ धो रही कांग्रेस को झामुमो की शर्तें माननी पड़ सकती हैं।झामुमो ने कई मौके पर कहा है कि वह गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है। इसका स्पष्ट संकेत है कि उसे बड़ा हिस्सा चाहिए। ऐसे में सीटों के तालमेल को लेकर निष्कर्ष तक पहुंचने में अभी समय लग सकता है, जिसका स्वाभाविक फायदा भाजपा के प्रत्याशियों को मिलेगा।
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कांग्रेस को चुनाव आते-आते झारखंड में और कई झटके लग सकते हैं। गीता कोड़ा के साथ-साथ संगठन की चाईबासा जिला इकाई के प्रमुख नेताओं ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया। ऐसे में जगन्नाथपुर से कांग्रेस के विधायक सोनाराम सिंकू भी अलग राह चुन सकते हैं। जगन्नाथपुर कोड़ा परिवार की परंपरागत सीट है। इस सीट का प्रतिनिधित्व मधु कोड़ा कर चुके हैं। टिकट बंटवारे को लेकर विचार-विमर्श के दौर असंतोष भी बड़े पैमाने पर उभर रहा है। टिकट की घोषणा होने के बाद यह चरम पर होगा।ये भी पढें- Jharkhand Politics: राज्यसभा चुनाव के लिए आज BJP कर सकती है प्रत्याशी का एलान, रेस में ये तीन नेताइन लोकसभा सीटों पर OBC मतदाताओं के बीच BJP बढ़ाएगी पैठ... जीत का फॉर्मूला कर रही तैयार, जानें कैसे बैठाएगी समीकरण