चंपई सोरेन कैबिनेट में जगह बनाने के लिए कांग्रेस में रार, राहुल गांधी की न्याय यात्रा से पहले 'खेला' का सता रहा डर
चम्पाई सोरेन सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार 16 फरवरी को निर्धारित है। मंत्रिपरिषद में JMM कोटे के मंत्रियों को लेकर ज्यादा खींचतान की स्थिति नहीं है। हेमंत सोरेन की गैरहाजिरी में पार्टी रणनीतिकार इस मामले में किसी तरीके का जोखिम मोल नहीं लेना चाहते। अनुभव और वरीयता के आधार पर नाम तय किए जा चुके हैं। हालांकि ऐसी स्थिति सरकार में साझीदार कांग्रेस की नहीं है।
राज्य ब्यूरो, रांची। चम्पाई सोरेन सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार 16 फरवरी को निर्धारित है। मंत्रिपरिषद में झारखंड मुक्ति मोर्चा कोटे के मंत्रियों को लेकर ज्यादा खींचतान की स्थिति नहीं है। हेमंत सोरेन की अऩुपस्थिति में पार्टी के रणनीतिकार इस मामले में किसी प्रकार का जोखिम मोल नहीं लेना चाहते।
अनुभव और वरीयता के आधार पर नाम तय किए जा चुके हैं। सोरेन परिवार से एक सदस्य का होना तय है। हालांकि ऐसी स्थिति सरकार में साझीदार कांग्रेस की नहीं है।
कांग्रेस विधायकों में मंत्री पद के लिए खटपट
कांग्रेस के विधायकों में मंत्री पद को लेकर खटपट बढ़ गई है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व के समक्ष संकट है। नए मंत्रियों का नाम तय होने में परेशानी आ रही है।आशंका है कि इससे विधायकों का खेमा नाराज हो गया तो खेल खराब हो सकता है। पुराने मंत्रियों को हटाने का भी जोखिम है। इनका अपना-अपना प्रभाव है। ऐसे में कांग्रेस के समक्ष मुश्किल बढ़ सकती है।
कहा जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर सबसे मशविरा कर आलाकमान के समक्ष नई सूची की स्वीकृति लेंगे। विधायकों में इस बार पद पाने की होड़ है। वे हर हथकंडा अपना रहे हैं।
फिर से लिया जाए जनादेश
पुराने मंत्रियों को हटाकर नए विधायकों को मंत्री बनाने में पार्टी के सामने कई परेशानियां भी हैं। कुछ ने तो यहां तक कह दिया है कि ज्यादा दावेदारी की स्थिति में विवाद बढ़ेगा। बेहतर होगा कि फिर से जनादेश लिया जाए। हालांकि प्रदेश नेतृत्व विधायकों को एकजुट रखने का हरसंभव प्रयास कर रहा है।
प्रदेश प्रभारी ने भी सबसे बातचीत कर धैर्य रखने की सलाह दी है। कोशिश हो रही है कि कुछ बातें दिल्ली से तय हों, ताकि उसपर सहमति बन जाए।
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