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अरे ये क्या... झारखंड में लोकसभा चुनाव लड़ने वालों का 'टोटा', टेंशन में JMM और Congress; RJD बेफिक्र

Lok Sabha Elections झारखंड में लोकसभा चुनाव के पहले ही असमंजस की स्थिति बनती दिखाई दे रही है। यहां पार्टियों को चुनाव लड़ने के लिए नेता ही नहीं मिल रहे हैं। यहां तक कि अच्छा काम करने का दंभ भरने वाले भी सामने नहीं आ रहे हैं। महागठबंधन में टिकट बंटवारे का इंतजार कर रहे लोग भी उलझन में हैं।

By Ashish Jha Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 08 Mar 2024 02:03 PM (IST)
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अरे ये क्या... झारखंड में लोकसभा चुनाव लड़ने वालों का 'टोटा', टेंशन में JMM, Congress और RJD
राज्य ब्यूरो, रांची। Lok Sabha Elections : झारखंड में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जैसे-जैसे आगे बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे विभिन्न पार्टियों के प्रमुख नेताओं के नाम सामने आने लगे हैं, लेकिन अपने काम के बूते सबसे बेहतर होने का दंभ भरने वाले कांग्रेस के मंत्री इस रेस में कहीं पीछे रह गए हैं।

एक भी मंत्री चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों से प्रत्याशियों की संभावित सूची में मंत्रियों का नाम नहीं दिख रहा है। दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंत्रियों को पार्टी आलाकमान के निर्देश का इंतजार है। पार्टी के आदेश पर वे चुनाव लड़ेंगे।

सत्ताधारी गठबंधन में शामिल राजद के एकमात्र मंत्री को लेकर अटकलें तेज हैं कि वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और इसके लिए पार्टी का कोई बंधन नहीं होगा। लोकसभा चुनाव में कई प्रांतों से सूचना मिल रही है कि वहां मंत्रियों को पार्टियां मैदान में उतार सकती हैं।

ठीक इसके विपरीत झारखंड से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले मंत्रियों का टोटा है। कांग्रेस पार्टी की ओर से उम्मीदवारों का नाम तय करने के लिए विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में समन्वय समिति की बैठक हो रही है।

इन बैठकों में आश्चर्यजनक रूप से महागठबंधन सरकार में कांग्रेस कोटे से शामिल मंत्री- रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, आलमगीर आलम और बादल पत्रलेख, चारों में से किसी मंत्री का नाम नहीं उठा है।

हालांकि, मंत्री अपने काम के बूते विकास का दंभ भरते नहीं थकते हैं। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव के टिकट के लिए एक भी मंत्री ने दावेदारी नहीं पेश की है। तमाम लोकसभा क्षेत्रों से पुराने और वैसे उम्मीदवारों के नाम सामने आ रहे हैं, जिनके पास विधानसभा चुनाव जीतने का भी अनुभव नहीं है।

ऐसे में मंत्रियों के मैदान में उतरने से कम से कम एक विधानसभा क्षेत्र में तो उनका दबदबा रहता। दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंत्रियों की बात कुछ अलग है। पार्टी के मंत्री आलाकमान के निर्देश पर ही मैदान में उतरेंगे। माना जा रहा है कि एक-दो मंत्री को पार्टी ने तैयार रहने का निर्देश भी दे दिया है।

राजद मंत्री को लेकर तेज है चर्चाओं का बाजार

महागठबंधन सरकार में राजद कोटे के मंत्री सत्यानंद भोक्ता को लेकर चर्चा तेज है कि वे लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैं। इसके लिए पार्टी का कोई बंधन नहीं होगा। वे दूसरे दल से भी मैदान में उतर सकते हैं।

ऐसे भी जिस क्षेत्र से वे विधानसभा चुनाव जीतकर आए हैं, वहां के लिए आरक्षित कोटि से वे बाहर हो गए हैं। नजदीकी सूत्रों की मानें तो उनकी तैयारी है कि लोकसभा से स्वयं उतरेंगे और विधानसभा से बहू को मैदान में उतारेंगे।

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