'मजबूती से हेमंत के साथ खड़े हैं कांग्रेस MLA', चंपई को लेकर जारी अटकलों के बीच बोले केशव महतो
चंपई सोरेन को लेकर जारी अटकलों के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो ने बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेस के सभी विधायक मजबूती और एकजुटता के साथ हेमंत सोरेन के साथ खड़े हैं। महतो ने यह भी दावा किया कि चंपई सोरेन भी आईएनडीआईए के साथ ही होंगे। उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़कर कहीं नहीं जा सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने दावा किया है कि कांग्रेस के विधायक पूरी मजबूती और एकजुटता के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ खड़े हैं। इससे आगे उन्होंने यह भी कहा कि समय के साथ चंपई सोरेन भी आईएनडीआईए गठबंधन का हिस्सा होंगे, वे कहीं और जा नहीं सकते।
कुछ विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने के सवाल पर कमलेश ने कहा कि कांग्रेस के विधायक पूरी मजबूती और एकजुटता के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ खड़े हैं। कमलेश ने कहा कि पार्टी और गठबंधन ने हमेशा सम्मान दिया है।
कमलेश ने आरोप लगाया कि मीडिया के एक वर्ग के द्वारा इस अफवाह को बढ़ावा दिया जा रहा है कि चंपई झामुमो को छोड़कर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं, लेकिन यह बात सही नहीं है। चंपई झामुमो को छोड़कर कहीं नहीं जा सकते हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के साथ लौटेंगे कमलेश
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश पिछले तीन दिनों से नई दिल्ली में कैंप कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने पार्टी के किसी सीनियर नेता से मुलाकात नहीं की है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर के जम्मू-कश्मीर चुनाव में व्यस्त रहने के कारण उनसे भी मुलाकात नहीं हो पाई है। पार्टी आलाकमान समेत किसी भी सीनियर नेता से कमलेश की मुलाकात अभी तक नहीं हुई है।
सोमवार की शाम को गुलाम अहमद मीर के साथ मुलाकात के बाद उन्हीं के साथ झारखंड लौटने की योजना है। मीर से मुलाकात के बाद ही उन्हें सोनिया गांधी, राहुल एवं प्रियंका से मिलने का मौका मिलेगा। अभी तक इन नेताओं से मिलने के लिए उन्हें समय नहीं मिला है।
कुछ समय के लिए नए प्रभारी पर भी विचार
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर स्वयं जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में सक्रिय हैं। अभी तक उम्मीद की जा रही है कि वह स्वयं भी चुनाव लड़ेंगे। झारखंड में भी चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही हैं।
ऐसे में एक पार्टी को एक ऐसे प्रभारी की जरूरत है जो पूरा समय दे सके। इसी कारण से यह अटकल लगाई जा रही है कि किसी नए व्यक्ति को झारखंड कांग्रेस का प्रभारी बनाया जा सकता है।ये भी पढ़ें- Jharkhand Politics: चंपई सोरेन की बगावत से गिर जाएगी हेमंत की सरकार? अबतक कितने विधायकों का मिला साथ
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